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ऑफिसर की बीवी को जमकर चोदा

Posted on:- 2023-02-08


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब, मेरा नाम अजय तावड़े  है और में महाराष्ट्र  से हूँ, मेरी उम्र 25 साल है में इस साईट का पढ़ने वाला हूँ और मुझे इस साईट की कहानियाँ बहुत पसंद भी है. में आपका ज्यादा समय ना लेते हुए अपनी कहानी शुरू करता हूँ. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.


 लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों भाभी का नाम चढ़नी चूतमारे  है और उनकी उम्र 31 साल है और फिगर 34-26-36 का होगा, वो शादीशुदा है, उसका पति सरकारी ऑफिसर है और उसके 2 बच्चे भी है कमल  (6 साल), आदि (2 साल) उसके पति हमेशा 6 महीने बाहर और 6 महीने घर पर रहते है. करीब 1 साल पहले की बात है जब हमारे घर के सामने एक अम्पार्टमेन्ट में दूसरे फ्लोर पर एक कपल रहने आया, उन्होंने 2 BHK फ्लेट लिया था, जिसकी वास्तु पूजा में हम सब पड़ोसीयों को बुलाया था. मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.


 मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है नये पड़ोसी होने के कारण पूजा में ज्यादा लोग नहीं आये थे. उस समय मेरी और चढ़नी चूतमारे  और निववश गंडमारे  (उसके पति) से पहचान हुई. में और निववश गंडमारे  भैया जल्दी ही अच्छे दोस्त बन गये और मैंने उनसे कहा कि पूजा ख़त्म होने के बाद हम दोनों साथ ही खाना खायेंगे और सिगरेट पीने जायेंगे, वो भी जल्दी ही मान गये और सारे मेहमान चले गये और घरवालों ने भी खाना खाया, बस हम दोनों ही बचे थे. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.


 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  फिर में और भैया हम दोनों ने सारी साफ सफाई पूरी की और खाना खाने घर में ही सोफे पर टी.वी के सामने बैठ गये. में थका था और लेट भी हो रहा था, इसलिए जल्दबाज़ी में खाना खा रहा था और मुझे अचानक हिचकी आई. मैंने भाभी से पानी माँगते हुए में सोफे से उठा भाभी ने पानी देने के लिए हाथ आगे किया, तभी ग़लती से मेरे हाथ से पानी थोड़ा उनकी चूचियों पर गिर गया, पानी ठंडा था इसलिए भाभी तुरंत पीछे हटी. मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती .    


 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये मैंने भाभी को सॉरी बोलते हुए अपने हाथ से ही उनके ब्लाउज के ऊपर से ही पानी पोंछने लगा, में जल्दबाज़ी में भूल गया कि भाभी का पल्लू पूरा नीचे गिरा है और में सॉरी के नाम पर उनका ब्लाउज साफ कर रहा था, भैया का ध्यान टी.वी पर ही था, इसलिए उन्हें पता नहीं चला. मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.

 मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था     फिर भाभी ने गुस्से से मेरा हाथ अपने ब्लाउज से हटाया और पल्लू सही करके अंदर चली गयी. जब मुझे ठीक से समझ आया कि मैंने क्या हरकत की है, तो मुझे डर लगने लगा कि कहीं वो भैया से या मेरे घरवालों से ये बात ना कह दे. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.


 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है फिर खाना ख़ाकर में और भैया सिगरेट पीने गये, तो उन्होंने बोला कि वो 6 महीने के लिए इंडिया के बाहर जा रहे है कहीं ना कहीं ये बात मेरे चुदाई प्रोग्राम के लिए अच्छी थी. रात को जब में सोने लगा तो मुझे नींद नहीं आ रही थी और बार बार वही नज़ारा आँखों के सामने आ रहा था, जब में भाभी जी के चूचे ब्लाउज के ऊपर से साफ कर रहा था. पता नहीं क्यों मुझे ये अच्छा लगने लगा और मेरे मन में भाभी को चोदने की और खास बात उनकी चूचीयाँ चूसने की इच्छा पैदा हो गयी. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.


 मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया फिर दूसरे दिन में सुबह 9 बजे उठा और 10:30 बजे तक तैयार होकर मैंने भैया को फोन किया. उन्होंने मुझे बातें करने के लिए अपने घर बुलाया, में बहुत खुश हुआ और उनके घर पर गया और बेल बजाई, तो दरवाजा मेरी चूत की मल्लिका चढ़नी चूतमारे  ने खोला, दरवाजा खुलते ही स्माइल के साथ मेरी नज़र भाभी की छाती पर गयी. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों  .


 मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया आज उन्होंने ब्राउन ब्लाउज और उसी कलर की साड़ी पहनी थी. मेरी गंदी नज़र ने उन्हें पूरे 2 मिनट तक देखा, वो भी मुझे देखती रही. फिर अचानक भैया ने आवाज़ लगाई कि अजय तावड़े  आया है क्या? उसे अंदर बुलाओ. मैंने मन में सोचा कि हाँ “बुला ले अपने बीवी के आशिक़ को, अब अगले 6 महीने तक में ही इसका पति हूँ. में और भैया पैकिंग करते हुए ज़मीन पर ही बैठे थे, तभी चढ़नी चूतमारे  कॉफी ले कर आई, हम नीचे बैठे थे, तो वो कॉफी देने के लिए नीचे झुकी और उसका पल्लू गिर गया और एक बार फिर से मुझे जन्नत का नज़ारा देखने को मिल गया. इस बार तो मेरा छोटा लंड बड़ा बन गया और तड़पने लगा, भाभी ने मेरी गंदी नज़र को देखा और पल्लू उठा लिया. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों . 


 मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया फिर दोपहर 2 बजे हमने उनके ही घर पर खाना खाया और में उनको एयरपोर्ट पर छोड़कर अपने घर लौट आया. भैया ने मुझे जाते वक़्त बताया था कि कल भाभी को संजीवनी स्कूल में जाना है, उनके बड़े बेटे (कमल , उम्र 6 साल) के एडमिशन के लिए. मुझे पता था कि चढ़नी चूतमारे  सिर्फ़ कमल  को ही ले कर जायेंगी और आदि जो उसका 2 साल का बेटा था उसे हमारे घर मम्मी के पास छोड़कर जायेंगी. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों  .


 मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया रात को सोने से पहने मैंने चढ़नी चूतमारे  के नाम की मुठ मारी और उसको चोदने के सपने देखने लगा. सुबह मेरे उठने से पहले चढ़नी चूतमारे  आदि को मेरी मम्मी के पास छोड़ कर चली गयी, मैंने आदि को अपने पास बुलाया और उसे चोकलेट का छोटा टुकड़ा हाथ में दिया, वो मेरे साथ 3 घंटे से था वो मुझसे काफ़ी घुल मिल गया और मुझसे लिपटा रहा. जब चढ़नी चूतमारे  वापस आई, तो आदि मेरे पास था वो मेरे कंधो पर ही सो गया था, जब में आदि को चढ़नी चूतमारे  के हाथों में देने लगा तो मैंने देखा कि मेरे गले की चैन आदि ने अपने हाथों में पकड़ी है, जिसे वो छोड़ने के लिए तैयार नहीं था और उस समय में उसे नींद से उठाना भी नहीं चाहता था. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब .

 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों   फिर चढ़नी चूतमारे  बोली कि तुम मेरे साथ फ्लेट में चलो और वही बेड पर आदि को सुला देना. में मन ही मन खुशी से पागल हो रहा था और आदि को शुक्रिया बोल रहा था. जब में कमरे में गया और बेड पर आदि को सुलाने की कोशिश करने लगा, तो वो बेड पर उतर गया और रोने लगा, लेकिन अच्छी बात ये थी कि वो अभी भी मेरी चैन छोड़ने को तैयार नहीं था और वो चैन भी ऐसी थी कि गले से सीधा नहीं निकल सकती थी. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.


 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  फिर आदि का रोना सुन कर चढ़नी चूतमारे  रूम में आई, तो उसने देखा कि में बेड पर लेटा हूँ और आदि मेरे साथ ही लेट कर रो रहा था. तभी चढ़नी चूतमारे  बोली कि शायद आदि को भूख लगी है, कमल  बाहर खेलने गया है, तब तक में आदि को दूध पिला देती हूँ. तो मैंने बोला कि वो चैन नहीं छोड़ रहा है, तो उसने कहा कि कोई बात नहीं में उसे दूध पिला देती हूँ, वो सो जायेगा और चैन भी छोड़ देगा. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये .


 मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है फिर क्या था? वो साथ में आकर लेट गयी और उसे अपने सीने से लगाकर अपनी दाई चूची से दूध पिलाने लगी और ऊपर से पल्लू ओढ़ लिया, लेकिन मेरी नज़र से ये सारा हसीन नज़ारा छुप नहीं पा रहा था. उसके चूचे चूसता हुआ आदि का मुँह मुझे साफ दिख रहा था. चढ़नी चूतमारे  को शर्म आ रही थी, लेकिन उसकी मजबूरी थी. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.


 मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया फिर आख़िर दूध के चक्कर में आदि ने चैन छोड़ दी और दूध पीने में व्यस्त हो गया. में फिर भी बेशर्म की तरह वहीं लेटकर वो नज़ारा देख रहा था. आख़िर में आदि सो गया और चढ़नी चूतमारे  रूम से बाहर जाने लगी, तभी मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी और खींचा और उसे लिप पर किस करने लगा. उसने विरोध किया और मुझे ज़ोर से धक्का मारा और वो रूम से बाहर आ गयी. में डर गया था कि अगर इसने चिल्लाना शुरू कर दिया तो पूरी सोसाइटी जमा हो जायेगी, तो में उसके पीछे दौड़ा और उसे पकड़ लिया. मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए.


 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है फिर उसे दीवार से लगाकर लिप पर किस करने लगा, वो हाथ पैर हिला रही थी और मुझे झपट रही थी, लेकिन में कहाँ रुकने वाला था. मेरे सिर पर तो चुदाई का भूत सवार हो गया था. वो बोलने लगी ये ग़लत है, तुम मेरे भाई की उम्र के हो, अगर निववश गंडमारे  को पता चल गया तो खैर नहीं, प्लीज मुझे छोड़ दो, मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है. एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया.


 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई  बोला तुम एक हसीन औरत हो में तुम्हें निववश गंडमारे  से भी ज्यादा प्यार दूँगा और हमारा प्यार सीक्रेट रहेगा. में कभी तुम्हें नाराज़ नहीं करूँगा, क्या मुझमें कोई कमी है? लेकिन वो साली नहीं मान रही थी. में फिर भी ज़बरदस्ती करता रहा, आख़िर 5 मिनट के बाद वो शांत हो गयी और मेरा साथ देने लगी, मुझे समझ में आ गया कि ये मेरे लिए ग्रीन सिग्नल है. फिर मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और दूसरे रूम में बेड पर लेटा दिया. फिर मैंने अपना शर्ट और पेंट एक साथ ही ऊतार दिया, क्योंकि में बहुत गर्म हो चुका था. मैंने उसे साड़ी निकालने को कहा, तो उसने निकाल दी, अब वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्लाउज और सफ़ेद पेंटी में थी. मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया.


 मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया फिर में उसके ऊपर आ गया और उसके चेहरे को चूमने लगा और ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए. फिर उसे थोड़ा उठा कर मैंने ब्लाउज निकालकर फेंक दिया और उसकी ब्रा नीचे कर दी. में अब उसके मदमस्त रसीले चूचे अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और दातों से काटने लगा, वो सिसकारियां भरने लगी, आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह अजय तावड़े , प्लीज छोड़ दो, अहह ओह. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों  .


 उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी   उसकी आवाज़ से मुझे और नशा चढ़ रहा था और चूचे चूसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया, तो उसकी झाटों वाली रसीली चूत पानी-पानी हो गयी थी. उसकी गंध रूम में फैल गयी थी. फिर में अपनी उंगलियां चूत में डालकर ज़ोर जोर से हिलाने लगा. उसका दर्द बड़ रहा था, वो सिसकियां ले रही थी, आआह्ह्ह्ह् उहह यहहईईहह और मेरे मुँह में उसकी चूची और मेरी उंगलियां उसकी चूत में थी, में स्वर्ग में पहुँच गया था. फिर मैंने अपना मुँह नीचे लाकर उसकी नाभि और पेट को चूमने लगा और हल्के से उसकी पेंटी ऊतार दी, उसकी चूत को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया. मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु .


 उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों फिर में अपना मुँह उसकी चूत पर रखकर उसे चूसने लगा और हाथों से उसके बूब्स ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा. फिर 10 मिनट के बाद में समझ गया कि वो इससे बोर हो रही है, तो मैंने अपनी अंडरवियर ऊतार दी और लंड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ने लगा. वो हवस के नशे में मुझसे लिपटने लगी. मैंने पहले ही जोरदार झटके से आधा लंड अंदर डाल दिया और फिर हल्के-हल्के अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया. अब वो चिल्लाने लगी, क्योंकि उसे इतने बड़े लंड की और तेज झटको की आदत नहीं थी. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों.
 मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार 15 मिनट के बाद में झड़ने वाला था, तो मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ दिया. में काफ़ी थक गया था और वो भी पूरी तरह से झड़ गयी थी. फिर में उसके ऊपर ही लेटा रहा, फिर 15 मिनट के बाद घंटी बजी और हम दोनों हड़बड़ा गये. हम अलग हुए और कपड़े पहन लिए, में जल्दी जा कर सोफे पर टी.वी चालू करके बैठ गया. फिर चढ़नी चूतमारे  ने दरवाजा खोला, तो कोरियर वाला थाजज फिर उसने कॉफ़ी बनाई और कमल  भी खेल-कूद कर वापस आ गया और में भी अपने घर चला आया और उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता है हम चुदाई का पूरा आंनद लेते है.. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता एक बात और मेरे मित्रगणों  चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है मेरे मित्रगणों  मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

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