मित्रगणों कैसे है आप सब आशा है, मेरा नाम राजेश्वर चित्तोड़ा है और में मुंबई में एक म्यूजिक कंपनी में काम करता हूँ. करीब दो साल पहले कुलवंती नाम की एक लड़की से मेरी शादी हुई थी. दोस्तों कुलवंती एक बहुत ही चुदकड़ सुंदर लड़की है, उसकी उम्र 28 साल और उसकी लम्बाई 5.7 है और उसके फिगर का आकार 32-28-34 है. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.
क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी हम लोग एक दूसरे से बहुत प्यार भी करते थे, लेकिन बस इस घटना को में आज आप सभी को बताने जा रहा हूँ और इसके बाद हमारे जीवन में सब कुछ बदल गया. दोस्तों उस दिन मेरे ऑफिस में 31 दिसंबर की रात को एक पार्टी थी और वहां पर हम सभी काम करने वालों का परिवार भी हमारे साथ था. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.
मेरे मित्रगणों क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया शाम को करीब 7 बजे हम लोग पार्टी में जाने के लिए तैयार हुए, कुलवंती ने उस समय एक काली कलर की साड़ी पहनी हुई थी और उसी रंग का गहरे गले का ब्लाउज जिसमें वो सच में बहुत हॉट चुदकड़ दिख रही थी. में उसको देखकर बहुत चकित था और मन ही मन बहुत खुश भी था. हम लोग उस पार्टी में करीब 8 बजे पहुंच गये और वहां पर पहुंचने के बाद कुलवंती को मैंने सबसे मिलवाया और फिर कुलवंती को मैंने अपनी कंपनी के डिपार्टमेंट के बॉस से भी मिलवाया जिसका नाम सुमित है. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है दोस्तों वो बहुत ही कमीना किस्म का आदमी है और वो मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था, लेकिन बॉस होने की वजह से एक दूसरे से हमे बातचीत करनी पड़ती है, इसलिए मैंने कुलवंती को सुमित से मिलाया और वो कुलवंती को देखकर उसकी सुन्दरता की तारीफ करने लगे और वो उससे कहने लगे कि वाह कुलवंती तुम तो बहुत सुंदर हो, तुम्हें देखकर तो हर किसी की नजर बस तुम पर ही अटक कर रह जाए. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा.
मेरे मित्रगणों चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है फिर कुलवंती उनके मुहं से अपनी कुछ ज्यादा ही तारीफ सुनकर बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और फिर उसने हंसकर उन्हें तारीफ करने के लिए धन्यवाद बोला. फिर मुझे मेरे साथ काम करने वाले मेरे एक दोस्त ने बुलाया तो में थोड़ा दूर जाकर उससे बात करने लगा और वो अब मेरे बॉस सुमित से बहुत हंस हंसकर बातें कर रही थी और मुझे वो बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लग रही थी, लेकिन बॉस होने की वजह से में कुछ भी बोल नहीं पाया और में अपने गुस्से को शांत करता रहा. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.
मेरे मित्रगणों मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है फिर थोड़ी देर बाद मैंने कुलवंती को अपने पास बुला लिया और फिर हम लोग खाना खाने चले गये और अब मैंने गौर करके देखा कि कुलवंती बहुत खुश नज़र आ रही थी. मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ तुम इतना खुश क्यों हो, बॉस तुमसे ऐसा क्या बोल रहा था? तो कुलवंती ने मुझसे कहा कि कुछ नहीं वो तो मुझसे बस ऐसे ही इधर उधर की बातें कर रहे थे, हम लोग बातें करते हुए खाना खा रहे थे. मेरे मित्रगणों क्या मलाई वाला माल लग रहा था .
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर हम लोगों ने उसके बाद ड्रिंक भी किया, लेकिन अब मैंने बहुत ध्यान से देखा कि सुमित बार बार मेरी पत्नी कुलवंती पर नज़र मार रहा है और उसकी यह हरकत मुझे बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी और थोड़ी देर के बाद रात के 12 बज गये और अब हम सभी एक दूसरे को बधाईयाँ देने लगे और म्यूज़िक पर हम सभी एक साथ डांस भी कर रहे थे. तभी उसी बीच कुलवंती ने मुझसे कहा कि में वॉशरूम से जाकर अभी आ रही हूँ तो फिर करीब दस मिनट के बाद भी वो वापस नहीं आई तो में उसे इधर उधर देखने के बाद अब वॉशरूम में ढूँडने चला गया, लेकिन मुझे वो वहां पर भी नहीं मिली, में उसे ना पाकर अब बहुत चिंतित हुआ और दोबारा सबके बीच में आ गया और सोचने लगा, लेकिन तभी मैंने देखा कि वो अब सुमित के साथ डांस कर रही थी और वो दोनों बहुत खुश नजर आ रहे थे. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.
अब सुनिए चुदाई की असली कहानी में उसकी इस हरकत से बहुत गुस्सा हो गया और फिर में उसके पास चला गया और मैंने उससे कहा कि तुम यहाँ पर क्या कर रही हो, में तुम्हें सभी जगह ना पाकर तुम्हारे लिए बहुत चिंतित था, तुम सीधी मेरे पास क्यों नहीं आई? तो वो मुझसे बोली कि अरे वो सुमित सर ने मुझे बीच में रुकने के लिए कहा, इसलिए में उनसे थोड़ा बात कर रही थी और बस. मेरे मित्रगणों एक बार चोदते चोदते मेरा लंड घिस गया.
वहा का माहौल बहुत अच्छा था मेरे मित्रगणों दोस्तों में उसकी पूरी बात सुनकर उससे बहुत गुस्सा हो गया और फिर में वहां से चला गया, लेकिन वो मेरी नाराजगी मेरे चिल्लाने की वजह नहीं समझी और दो तीन मिनट के बाद वो भी मेरे पीछे पीछे आ गई. फिर मैंने उससे कहा कि मुझे अब घर जाना है तो उसने मेरे साथ चलने के लिए हाँ कहा और फिर हम दोनों अपने घर पर आ गए. फिर घर पर आकर मुझसे पूछा कि ऐसा क्या हुआ जो तुम मुझसे इतना गुस्सा हो और मैंने ऐसा क्या किया है? तो मैंने कहा कि तुम सुमित के साथ क्यों रह गई थी? मेरे मित्रगणों उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.
वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों फिर कुलवंती बोली कि तो उसमें ऐसा क्या हुआ? तुमको इसमें कोई समस्या है? तो तुम मुझे पहले ही बोल देते, अब तुम इतना गुस्से में क्यों हो गये हो? इसमे खराब क्या है? तो मैंने कहा कि कुछ खराब नहीं है जो तुम्हारा मन करे तुम करो और हम दोनों में इस बात को लेकर झगड़ा हो गया. उसके अगले दिन में अपने ऑफिस चला गया तो सुमित सर ने मुझे उसके रूम में बुला लिया और फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या यार कुलवंती ठीक है? तो मैंने कहा कि हाँ सर और फिर वो बोले कि तुम्हारी पत्नी बहुत सुंदर है यार और में गुस्सा हुआ. फिर भी मैंने उससे कहा कि धन्यवाद सर और वो हंसने लगे, मुझे अब समझ में आ रहा था कि वो क्या बोलने की कोशिश कर रहे है और में वहां से चला गया. मेरे मित्रगणों चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.
ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों फिर अपने घर पर आकर मैंने गौर किया कि कुलवंती के व्यहवार में मेरे लिए अब तक बहुत बदलाव आने लगा था, वो मुझसे ठीक तरह से बात नहीं करती थी, वो मुझसे बहुत जल्दी हर किसी बात पर गुस्सा हो जाती थी और अब वो अपने फोन पर भी बहुत ज्यादा व्यस्त रहने लगी थी, क्योंकि वो अब कोई नौकरी भी ढूंड रही थी तो इसलिए मुझे लगा था कि वो उसमें व्यस्त है, इसलिए मैंने ऐसा कुछ नहीं सोचा. मेरे मित्रगणों एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.
उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों गजब एक दिन में अपने ऑफिस गया और कुछ देर बाद वो मुझसे फोन करके बोली कि मुझे नौकरी मिल गई है तो में बहुत खुश हो गया और मैंने उससे पूछा कि कहाँ पर तो वो मुझसे बोली कि एक कंपनी में तो मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन दोस्तों कुछ दिन बाद से तो वो सच में बिल्कुल ही बदल गई. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों .
क्या बताऊ मेरे मित्रगणों मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया वो शनिवार का दिन था और मुझे फिल्म देखने जाना था, इसलिए मैंने उससे कहा और फिर वो मुझसे बोली कि आज नहीं हम कल जाएँगे, आज मुझे अपने साथ काम करने वाली के साथ शॉपिंग करने जाना है. फिर मैंने कहा कि ठीक है और उसके बाद वो तैयार होने के लिए चली गई, तभी अचानक से मैंने उसका फोन उठाकर देखा तो उसमें एक मैसेज था और जिसमें लिखा था बेबी जल्दी से आ जाओ, में तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ और नाम लिखा था नीतू. फिर वो मुझसे बोली कि यार यह मेरी दोस्त है डरो मत तो में हंसने लगा, मुझे सच में कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था. कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था .
उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये फिर उसके दूसरे दिन रविवार को हम लोग फिल्म देखने चले गये और सोमवार को जब में वापस अपने ऑफिस गया तो सुमित सर ने मुझे अपने पास बुलाया और वो मुझसे कहने लगा कि में एक बात कहूँ, राजेश्वर चित्तोड़ा क्या तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा, अगर में तुम्हारी बीवी को लेकर एक दिन फिल्म देखने चला जाऊँ? मेरे मित्रगणों मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.
उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है मेरे मित्रगणों एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया
दोस्तों मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या बोल रहे है? और में उसे देखने लगा, तब वो मुझसे बोले कि राजेश्वर चित्तोड़ा में अब सीधी बात पर आता हूँ, मुझे तुम्हारी पत्नी बहुत अच्छी लगती है और में उसे बहुत चाहता हूँ और अब में उसे अपना बनाना चाहता हूँ और में तुम्हे उसके बदले में यहाँ का सीनियर मेंनेजर और उसके साथ में डबल पैसे भी दिलवा दूंगा. अब मैंने कहा कि बस बहुत हुआ सर, में आपके यहाँ पर काम करने वाला हूँ ना कि आपका नौकर और हाँ मेरी बीवी के बारे में आप ऐसा सोचना भी मत, क्योंकि वो बहुत ही अच्छी लड़की है..
मेरे मित्रगणों चोदते चोदते कंडोम के चीथड़े मच गए तब वो मेरी बात को सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे और उन्होंने मुझसे कहा कि अरे राजेश्वर चित्तोड़ा तुम अब ज्यादा गुस्सा मत हो यार में तुम्हें एक बात बता दूँ, क्या तुम्हें पता है? कुलवंती मेरे दोस्त की कंपनी में काम करती है और वो भी मुझे बहुत ही चाहती है और में अब क्या बोलूं? वो मुझे बस चाहती ही नहीं बल्कि मुझे संतुष्ट भी करती है और वो कई बार मेरी बन चुकी है यार हाहह वो बहुत मस्त है यार और अगर तुम्हें सच में अगर इस बात का सच्चा सबूत चाहिए तो तुम कल शाम को आ जाओ, में तुम्हें उसके साथ वो सब कुछ करते हुए दिखा दूँगा और मुझसे यह बात बोलकर वो ज़ोर से हंसने लगे. फिर मैंने उसकी शर्ट का कोलर पकड़ा और कहा कि मेरी कुलवंती के बारे में ऐसी घटिया बात मत करो, में तुम्हें जान से मार दूंगा. ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.
एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया फिर उसके बाद वो मुझसे बोले कि अबे साले अब ज्यादा नाटक मत कर तुझे तेरी बीवी का असली रूप देखना है तो कल मिल और में उसे तेरे सामने. फिर मैंने कहा कि बस और मत कहो ठीक है, में जरुर आऊंगा और अपनी आखों से देखूंगा, लेकिन अगर यह सब झूठ हुआ तो सुमित वो तुम्हारी जिन्दगी का आखरी दिन होगा. दोस्तों अब मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या करूं और मुझे गुस्सा भी बहुत आ रहा था और थोड़ा सा शक भी हो रहा था, लेकिन मैंने घर पर जाकर कुलवंती को कुछ नहीं बोला, क्योंकि वो सच मुझे जानना था और इसलिए चुप रहा और फिर अगले दिन सुबह कुलवंती अपने ऑफिस चली गयी, लेकिन में नहीं गया, शाम को 5 बजे सुमित ने मुझे कॉल किया और कहा कि आजा मेरे फार्म हाउस पर अपनी पत्नी की चुदाई अपनी आखों के सामने देखने के लिए. अब मुझे लगा कि वो मुझे फंसाने की कोशिश कर रहा है, ऐसा कुछ हो ही नहीं सकता. फिर में शाम को 6 बजे उसके फार्म हाउस पर पहुंच गया. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.
मेरे मित्रगणों कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया दोस्तों उसका फार्म हाउस जो कि मुंबई से थोड़ा सा दूर था. में पहुंचा तो उसने मेरे लिए दरवाजा खोला और फिर मुझसे कहा कि पीछे गार्डन में चला जा और तुम वहां से मेरे रूम में देख. फिर मैंने पीछे जाकर जैसा उसने मुझसे कहा वैसा ही किया और मैंने रूम में देखा, लेकिन वहां पर कोई नहीं था, तभी उसने किसी को फोन किया, शायद वो कुलवंती ही थी. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों .
उसकी बूब्स देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी मैंने देखा और में बिल्कुल हैरान हो गया कि कुलवंती दस मिनट के बाद आ गई और उसको देखकर मेरी आँखे पानी से भर गई और मेरे दिमाग़ ने अब काम करना बिल्कुल बंद कर दिया, वो आकर सुमित की गोद में बैठ गई और सुमित ने कहा वाह मेरी जान आज तो तुम बहुत ही चुदकड़ दिख रही हो, आज तो में तुझे खा ही जाऊंगा. फिर कुलवंती बोली कि तुम मुझे पिछले तीन महीने से तो खा ही रहे हो, सुमित सर कब तुम मुझे छोड़ते हो, यह बात बोलकर वो ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी. मेरे मित्रगणों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु .
उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों दोस्तों अब मुझे उसकी बातों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था. सुमित ने उससे कहा कि कितनी बड़ी कमिनी है तू साली तुझे 60,000 सेलेरी क्या मिल गई तो मेरी पूरी बीवी ही बन गई, अब तो तू हर कभी मेरे कहने पर मुझे अपने चुदकड़ बदन के मज़े देने लगी, वाह तेरी इस जवानी का कोई जवाब नहीं है हाहह. फिर वो शरमाई और फिर सुमित ने एक धक्का मारकर उसे बेड पर गिरा दिया और अब वो उसका टॉप उतारने लगा और कुलवंती के होंठो को चूमने लगा, कुलवंती भी जैसे नशे में धुत थी और फिर वो भी सुमित की शर्ट को उतारने लगी. उसके बाद सुमित ने उसकी जीन्स को भी उतार दिया और अब वो उसके सामने ब्रा, पेंटी में थी और सुमित अपनी जीन्स में था. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों .
मेरे मित्रगणों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार फिर बस उसने जल्दी से उसकी ब्रा को भी उतार दिया, जिसकी वजह से अब वो बस पेंटी में थी तो सुमित उसे हल्के से थप्पड़ मारने लगा और वो आह्ह्हह आईईईईई करने लगी और अब वो उससे कहने लगी कि सर में अब आपकी रंडी हूँ, आप मुझे और मारो प्लीज़. दोस्तों में बस वो सब कुछ चुपचाप देख रहा था और मेरे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि मेरे सामने यह सब क्या चल रहा है और अब में क्या करूं. फिर उसके कुछ देर बाद मैंने देखा कि सुमित अब उसके मुहं को चूम रहा था और उसके बाल को पकड़कर उसे अपनी तरफ खींच रहा था और कुलवंती बिल्कुल पागलों जैसे उसकी छाती को चाट रही थी. मैंने वो सब देखकर एकदम दंग रह गया था, क्योंकि वो मेरी बीवी थी जो कि अब मेरी नहीं थी. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों जैसे उसके चुत में माखन भरा हो
उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों दोस्तों अब सुमित को फोन बजा और फिर सबसे बड़ा धक्का मुझे तब लगा, जब मैंने देखा कि एक और आदमी अंदर आ गया, तो मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था. फिर कुलवंती हंसते हुए उनसे बोली कि जय सर आप और सुमित हंसने लगे और बोले कि जय तेरी रंडी तुझे बहुत देर से बहुत याद कर रही थी और कुलवंती भी उनकी वो बात सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी. मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू तब तक ठीक नहीं होता.
एक बात और मेरे मित्रगणों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है तब मुझे समझ में आ गया कि सुमित के साथ साथ जय भी उसे चोदता है, जो कि सुमित का फ्रेंड और उसकी कंपनी का मालिक भी है और अब जय ने तुरंत उसकी पेंटी को खींचकर उतार दिया और अब वो दोनों मिलकर कुलवंती को खा रहे थे. एक उसके बूब्स को खींचता तो दूसरा उसकी चूत को चाटता, उन दोनों ने मिलकर उसे भूखे शेर की तरफ बहुत देर तक ऊपर से लेकर नीचे तक खाया, जिसकी वजह से उसके बूब्स, निप्पल, कूल्हे, गर्दन, पेट, चूत पर काटने नोचने के निशान होने की वजह से वो हर एक जगह से एकदम लाल हो चुकी थी. उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम चुदकड़ अंदाज है..
मेरे मित्रगणों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी फिर कुछ देर के बाद जय और सुमित ने अपनी अपनी पेंट को उतार दिया और अब कुलवंती उन दोनों के खड़े लंड को बारी बारी से एक एक करके चूस रही थी और हिला रही थी, वो उन दोनों के लंड से बहुत व्यस्त होकर खेल रही थी और वो दोनों भी कभी उसकी चूत में ऊँगली करते तो कभी गांड में और वो कभी उसके बूब्स को पकड़कर बहुत बेरहमी से निचोड़ रहे थे, जिसकी वजह से वो अब जोश में आकर सिसकियाँ लेने लगी और कहने लगी कि प्लीज मुझे अब और मत तड़पाओ प्लीज अब अपना लंड डाल दो मेरी चूत में, मुझे अब ज्यादा सहन नहीं होता प्लीज उफ्फ्फ्फ़ आईईईइ और वो दोबारा से लंड को अपने मुहं में लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी थी. दोस्तों वो उन दोनों के साथ ऐसे लगी हुई थी जैसे वो सही में कोई अनुभवी रांड हो और उसको देखकर में बहुत हैरान था. मेरे मित्रगणों चुत को चाटेने के समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे .
मेरे मित्रगणों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की को बिना पैंटी के देखा था वाह क्या मजा आया था तब सुमित ने मेरी तरफ इशारा करके मुझे आँख मारी और मुझसे कहा कि तुम अब अंदर आ जाओ, लेकिन में अंदर नहीं जा पाया, में बस बाहर से देख रहा था. अब कुछ देर बाद सुमित ने कुलवंती को नीचे लेटाकर उसकी चूत को बहुत जमकर चोदा और जय ने उसको घोड़ी बनाकर उसकी गांड मारी और फिर कुलवंती नंगी होकर उन दोनों के बीच में ऐसे ही पड़ी रही और तब तक 9 बज गए थे. अब चुदाई करने को १००% तैयार थी .
मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने को तैयार नहीं था . अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मेरे मित्रगणों मै पागल सा हो गया अब में वहां से अपनी पत्नी की उन दोनों के साथ उस ताबड़तोड़ चुदाई को देखकर और बहुत उदास होकर चुपचाप धीरे से बाहर निकल गया और में ना जाने कब अपने घर पर पहुंच गया, लेकिन मेरा अब भी बिल्कुल भी दिमाग़ काम नहीं कर रहा था, लेकिन दोस्तों अब बिल्कुल साफ था कि मुझे कुलवंती से बहुत नफ़रत होने लगी थी, लेकिन दोस्तों कुलवंती को मेरी इस नफरत से, मेरे उससे बात ना करने से, उससे नाराज रहने से कोई फ़र्क नहीं पढ़ता था और इस वजह से वो अब मुझसे धीरे धीरे बहुत दूर जाती गई. न जाने कितनी को तो कुवारी में ही माँ बना दिया और मैं चोदा पेली करने के लिए कही भी और किसी भी हद तक जा सकता हु और तो और मैंने अपने गांव के किसी भी औरत और छोड़ा नहीं है जो नहीं मानती थी उनके साथ जबरजस्ती चोदा पेली किया हु सोचिये मैं ऐसा हरामी चोदूबीर आदमी हु मेरे मित्रगणों.