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दोस्त की बीवी और माँ को चोदा

Posted on:- 2024-10-12


मेरे मित्रगणों  मै आप सब का हार्दिक अभिनंदन करता हु.. सभी रीडर्स को यथार्थ सेअनत  का प्यार.. में अपनी लाईफ में घटी एक जबरजस्त  घटना को लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ. दोस्तों यह घटना आज से करीब दो साल पहले की है. उस टाईम में अपने घर से दूर एक शहर में रहता था और वहाँ पर मेरा एक दोस्त है.. उसका नाम सुनील देओल  और उसकी शादी को उस समय तीन साल से भी ज़्यादा वक़्त हो चुका था लेकिन उसके घर में कोई भी बच्चा नहीं हुआ था. उस बात से मेरा दोस्त सुनील देओल  और उसकी वाईफ फातिमा अंसारी  और उसके घरवाले सुनील देओल  की माँ आरती  आंटी और उसके पापा संदीप अंकल.. सब लोग बहुत परेशान थे. फिर उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने कहा कि सुनील देओल  में कुछ प्राब्लम है और इसीलिए वो बच्चा पैदा नहीं कर सकता लेकिन किसी और का वीर्य फातिमा अंसारी  की चूत के अंदर डाला जाए तो वो गर्भवती हो सकती है और फिर यह बात सुनकर उसके घरवाले और भी परेशान हो गये और उन्होंने इस बारे में बहुत सोचा कि फातिमा अंसारी  कैसे माँ बने. मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.


 

 मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है फिर उसी समय सुनील देओल  की माँ ने फातिमा अंसारी  को माँ बनाने के लिए मेरा नाम लिया.. तभी सारे लोग चकित हो गये और फिर उन्होंने सबको मना भी किया और सुनील देओल  भी अच्छी तरह से जानता था कि में किसी को भी चोदकर माँ बना सकता हूँ.. क्योंकि उसे मेरे और रामवती  भाभी की कहानी और उनकी चूत में मेरा लंड और रामवती  भाभी की चुदाई के बारे में पता था और उसे यह भी पता था कि रामवती  भाभी का बेटा मेरा बेटा है तो वो भी इसके लिए मान गया. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.


 

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  लेकिन वो सोचने लगा कि इस बारे में कैसे मुझे बताए और उसकी बीवी को प्रेग्नेंट करने के लिए मना सके. दोस्तों अब आप लोग सोच रहे होंगे कि सुनील देओल  की माँ ने मेरा नाम क्यों लिया.. इसके पीछे भी एक कहानी है और में जब कॉलेज में था तो उस टाईम मैंने सुनील देओल  की माँ को भी चोदा था. वैसे में उनके बारे में ऐसा नहीं सोचता था लेकिन आरती  आंटी ने मुझे खुद उनको चोदने के लिए मजबूर किया और मौका दिया था. मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है .   


 

 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये में तो था ही चुदक्कड़ और उस पर कोई मुझे ऐसा मौका दे तो में कैसे उसे छोड़ सकता था.. तो सबके हाँ करने के बाद सुनील देओल  और फातिमा अंसारी  मेरे घर पर मुझसे मिलने के लिए आए.. उसके साथ सुनील देओल  की माँ और पापा भी थे तो में अचानक उन सबको देखकर बहुत चकित हो गया. मैंने सुनील देओल  से पूछा कि अरे वाह! यह तो कमाल हो गया और आज कैसे मेरी याद आई? तो उसने कहा कि मुझे तुझसे कुछ काम है और इस काम में तेरे सिवाए मेरी कोई मदद नहीं कर सकता. मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.


 

 मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था फिर यह बात सुनकर बिना कुछ जाने मैंने सुनील देओल  से कहा कि दोस्त यह भी कोई कहने की बात है.. अगर दोस्त दोस्त के काम नहीं आएगा तो और कौन आएगा.. तू बोल साले मुझे क्या करना है तो उसने कहा कि हम अभी तो आए है बाद में आराम से बात कर लेंगे. फिर मैंने भी कहा कि ठीक है और तुम लोग फ़्रेश हो जाओ.. में कुछ खाने का इंतज़ाम करता हूँ तो यह बात सुनकर फातिमा अंसारी  ने कहा कि अरे इसकी आप चिंता मत कीजिए.. में और माँ है ना हम सब कुछ कर देंगे. फिर में अपने कमरे में गया और कुछ मिनट में आरती  आंटी भी मेरे पीछे पीछे मेरे कमरे में आ गई और अंदर आते ही उन्होंने दरवाज़ा बंद कर लिया और मुझसे लिपट गयी और वो कहने लगी कि में बहुत दिनों के बाद आज तुम्हारी बाहों में आई हूँ और आज मेरे दिल को बहुत सुकून मिला है.. में आज तक तुम्हे और तुमसे चुदवाए हुए वो सारे पल नहीं भूल पाई.. तुम्हारे जाने के बाद में कब से तुमसे चुदवाने के लिए तरस रही हूँ और क्या तुम आज मेरी चूत की आग को नहीं बुझाओगे. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.


 

 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है फिर इतना कहकर वो मुझे किस करने लगी तो मैंने कहा कि देखों मेरी जान अभी तो घर पर सब लोग है तो में कैसे तुम्हे चोद सकता हूँ और तुम तो जानती ही हो मुझे ऐसे जल्दी जल्दी चुदाई करना अच्छा नहीं लगता और शायद तुम्हे भी ऐसे चुदवाने में वो सुख नहीं मिलेगा. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.


 

 मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया थोड़ा सब्र करो में तुम्हे बाहर होटल में ले जाऊंगा और में वहाँ पर जमकर तुम्हारी चूत, गांड को चोदूंगा और इतना कहकर मैंने उन्हे किस किया और बाहर आ गया. फातिमा अंसारी  किचन में जाकर हम सब के लिए लंच बनाने लगी और उसने बहुत ही जल्द खाना बना लिया और हम सब बैठकर खाने लगे.. खाते खाते सब लोग मुझसे वो बात कहने की कोशिश करने लगे. लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई और सब लोग चुपचाप खाना ख़ाकर कमरे में जाकर आराम करने लगे. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों  .


 

 मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया फिर आरती  आंटी ने एक प्लान बनाया.. जिससे उनकी भी चुदाई हो जाए और उन सबका यहाँ आने का काम भी पूरा हो जाए.. उन्होंने अंकल और सुनील देओल  से कहा कि वो मेरे साथ बाहर जाएँगी और मुझसे बात करेंगी तो यह बात सुनकर सब लोग मान गये तो आंटी मेरे रूम में आई और मुझसे गले लगकर कहा कि चलो मैंने प्लान बना लिया है.. अब हम दोनों साथ साथ बाहर चलेंगे और मेरी इतने दिनों की तुमसे चुदने की तमन्ना पूरी हो जाएगी.. अब चलो ना.. देर मत करो और मैंने सबको मना लिया है. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों  .


 

 मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया फिर में उनकी बात मानकर निकल पड़ा और हम दोनों मेरे ऑफिस के गेस्ट हाउस में गये.. वहाँ पर जाते ही आंटी शुरू हो गई और में भी उनको जमकर चोदने लगा और यह सिलसिला बहुत लंबा चला.. में उनको दिन के 3.30 से लेकर रात के करीब 10 बजे तक चोदता रहा और इस बीच उन्होंने मुझे सुनील देओल  की वाईफ को चोदकर माँ बनाने के बारे में कहा तो यह बात सुनकर में तो बहुत हैरान हो गया.. क्योंकि किसी को छुपकर चोदना और सबकी जानकारी होते हुए चोदना पड़ा अजीब सा लगा. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब .


 

 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों   फिर पहले तो मैंने साफ मना कर दिया.. क्योंकि फातिमा अंसारी  जो थी तो वो बहुत ही अच्छी और शर्मीली लड़की थी और मैंने कभी भी उसके बारे में ऐसा नहीं सोचा था और अब अचानक मुझे उसे चोदना पड़े तो अच्छा नहीं है.. लेकिन एक अनुभवी औरत तुम से यह बात कहे.. वो भी एसी पोज़िशन में जब तुम उसकी चूत में डूबे हुए हो तो कोई मना कैसे कर सकता है और मैंने भी उन्हें हाँ कह दिया तो आंटी ने तुरंत घर पर फोन करके सबको यह बात बता दी और हम दोनों करीब 10.30 बजे घर पर आए. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.


 

 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था  फिर उसी रात फातिमा अंसारी  को मेरे साथ सोने के लिए भेज दिया और वो बेचारी डरी हुई सहमी सी मेरे कमरे में आई तो उसे देखकर उसे हाथ लगाने की मेरी हिम्मत ही नहीं हुई और इस चक्कर में मैंने पूरी रात बिना सोए गुजार दी और उसे छुआ तक नहीं.. तो सुबह जब सबको यह बात पता चली तो सब लोग टेंशन में आ गये और आंटी जी ने बाहर घूमने जाने का एक प्लान बनाया और वो भी स्लीपर कोच बस में. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये .


 

 मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है फिर मैंने उसी रात के 5 टिकट बुक किए लेकिन मुझे पता नहीं चला कि कब सुनील देओल  ने जाकर एक टिकट रद्द करवा दिया और यह भी आंटी जी का प्लान था तो उनके प्लान के मुताबिक जब में अपनी बर्थ में जाकर सोने लगा तो आंटी जी मेरे पास आई और बोली कि फातिमा अंसारी  को में अपने साथ सुला दूँ और जब मैंने उनसे पूछा कि उसकी बर्थ का क्या हुआ तो वो मुझसे झूठ बोलने लगी.. लेकिन में समझ गया कि यह सब पहले से ही प्लान किया हुआ है. फिर जब से मुझे फातिमा अंसारी  को माँ बनाने की बात का पता चला है.. में अंकल और सुनील देओल  से आँख मिलाकर बात नहीं कर पाया हूँ लेकिन में क्या करूं? मजबूरी थी और मैंने फातिमा अंसारी  को अपने साथ सुलाया. फिर बस चलने लगी लेकिन अभी भी मेरी हिम्मत उसे छूने की नहीं हो रही थी. फिर आधे घंटे बाद फातिमा अंसारी  खुद मेरे सीने पर सर रखकर लेट गयी और में उसकी हालत को समझ सकता हूँ.. बेचारी एक बच्चे के लिए यह सब कर रही है और मैंने भी कुछ नहीं सोचा और उसे अपनी बाहों में भर लिया और मैंने देखा कि वो रो रही थी तो मैंने उससे पूछा कि बताओ कि में उसकी बच्चे की चाहत को पूरी कर दूँ. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.


 

 मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए उसकी बात सुनकर मुझे भी बहुत बुरा लगा और में उसके भीगी हुई आँखों को चूमने लगा.. ऐसा करने के बाद फातिमा अंसारी  की हिम्मत और बढ़ गयी और वो मेरी पेंट के ऊपर हाथ रखकर सहलाने लगी और में उसके चूचिया  को दबाने लगा. दोस्तों फातिमा अंसारी  एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी.. रंग थोड़ा संवला था लेकिन फिगर कमाल का था.. बड़े बड़े चूचिया  और कमर का तो क्या कहना? ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है.

 

 एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया फिर में उसके ऊपर आ गया और उसे किस करने लगा और मैंने उसके ब्लाउज के बटन को खोल दिया और चूचिया  को चूसने लगा तो वो सीईईईईईइ अहह करते हुए मेरे बालों में उंगली फेरने लगी और अब हम दोनों गरम होने लगे तो फातिमा अंसारी  ने मेरी पेंट की ज़िप को खोलकर मेरे लंड को बाहर निकाला और एक हाथ से हिलाने लगी और में उसके चूचिया  चूसते हुए साड़ी के अंदर हाथ डालकर चूत को छूने लगा और मैंने महूसस किया कि उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी हुई है तो में समझ गया कि वो आराम से चुदवा सके.. इसलिए उसने पेंटी नहीं पहनी हुई है और उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे.. जिसको हाथ लगाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और में उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा तो उसके शरीर में करंट सा दौड़ गया और वो आआहह उह्ह्ह्ह करने लगी और में उसकी चूत में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगा.. वो तड़पने लगी और कुछ देर बाद झड़ गयी. है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई.


 

 मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया फिर उसने मुझे चोदने को कहा तो मैंने मना कर दिया.. क्योंकि मुझे ऐसे चोदना अच्छा नहीं लगता. फिर पहले तो वो नहीं मानी और फिर मेरे बार बार कहने के बाद वो मान गयी तो इस तरह हम दोनों रात भर एक दूसरे के हथियार को पकड़ कर सहलाने लगे. मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया.


 

 उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों   फिर मैंने उसे अपना लंड चूसने को कहा तो वो तुरंत मेरे पैर की तरफ घूम गयी और मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी और में उसके मुहं को चोदने लगा.. फातिमा अंसारी  बहुत अच्छे से लंड चूस रही थी.. क्योंकि सुनील देओल  जो है वो बहुत अच्छी तरह चोदता है और उसने फातिमा अंसारी  की सभी तरह से चुदाई की हुई थी और उसको हर एक स्टाईल सिखा भी रखी थी. फिर फातिमा अंसारी  के बहुत देर तक लंड चूसने के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और मेरा सारा वीर्य उसने पी लिया. ऐसा करते करते सुबह के 6.30 बज चुके थे और हम लोग पहुँच गये. उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी.  


 

 अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों     फिर वहां पर उतरने के बाद फातिमा अंसारी  सुनील देओल  के पास गयी और उसे सब कुछ बता दिया तो वो सुनकर कहने लगा कि वो मेरे साथ ही रहे. हमने एक होटल में तीन रूम बुक किए.. एक आंटी और अंकल के लिए दूसरा सुनील देओल  के लिए और तीसरा मेरे और फातिमा अंसारी  के लिए. हम रात भर सोए नहीं थे तो हमे बहुत थकान महसूस हो रही थी और हम अपने अपने कमरे में चले गये.. फातिमा अंसारी  मेरे साथ रूम में गयी. में बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और फातिमा अंसारी  भी जाकर फ्रेश होकर आ गई और अब मेरा भी उसे चोदने का और उसे भी चुदवाने का मूड था. वो अपने बालों को गीला करके एक लाल कलर का नाईट गाउन पहनकर आ गई. मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार.


 

 उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो मैंने जब उसे देखा तो देखता ही रह गया.. दोस्तों में बता नहीं सकता कि उस नाईट गाउन में फातिमा अंसारी  क्या क़यामत लग रही थी और वो धीरे से मेरे पास आई और अपने बालों को मेरे चहरे पर हिलाया तो पानी टपकने लगा. दोस्तों में एक टावल में था तो उसने मुझे पकड़कर बेड के ऊपर बैठाया तो मैंने उसकी कमर को पकड़ लिया और चूमने लगा तो उसने मेरे सर को पकड़कर अपने पेट पर दबा लिया और मुहं से शीईईईइ आह्ह्ह्हहऊऊ करने लगी.. ऐसा करते ही मेरा लंड फड़फड़ाने लगा और टावल में तंबू बन गया. फिर फातिमा अंसारी  मेरी गोद में बैठ गयी और में उसके होंठो को चूमने लगा और मैंने चूमते चूमते उसको गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया और मैंने जैसे ही उसके गाउन के ऊपर का बटन खोला तो दो बड़े बड़े चूचिया  मेरे सामने आ गए और में उनके ऊपर टूट पड़ा. दोस्तों में उस वक़्त बस में बहुत अंधेरा होने की वजह से उसके जिस्म की किसी भी चीज़ को देख नहीं पाया था. लेकिन अब लाईट में उसके शरीर का हर एक हिस्सा मेरे सामने आने लगा और उसके मुहं से लगातार सिसकियों की आवाज़ आने लगी.. अहहहह और ज़ोर से चूसो मेरे चूचिया  को अह्ह्हहह. उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों. 


 

 मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता दोस्तों उसके चूचिया  बहुत बड़े थे.. उन्हे चूसने में और दबाने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था और वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर में उसके ऊपर चड़कर आँखों में आँखें डालकर जीभ को चाटने लगा और उसकी आँखों में एक अजीब सा नशा था.. जो मुझे और पागल बना रहा था और फातिमा अंसारी  मेरी पीठ को सहला रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और हम दोनों उस टाईम एक ऐसी दुनिया में खो गये थे.. जहाँ से हमे कुछ भी और सुनाई, दिखाई नहीं दे रहा था. हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही एक दूसरे की जीभ चाटने में मस्त हो गये और उस टाईम मैंने जाना कि फातिमा अंसारी  कितनी सेक्सी और हॉट लड़की है और वो एक मर्द को खुश करने में माहिर थी. फिर में किस करते करते नीचे की तरफ आने लगा और जैसे ही में उसके पेट तक पहुँचा तो उसकी तड़प भी बढ़ने लगी और मेरे दिमाग़ ने भी काम करना बंद कर दिया था और मुझे सिर्फ़ फातिमा अंसारी  और उसका हॉट जिस्म दिख रहा था. फिर मैंने उसकी नाभि में जीभ घुमाई तो वो मेरे सर को पेट के ऊपर दबाने लगी और मैंने मौका देखकर उसके गाउन को उतार फेंका और देखा कि अंदर उसने कुछ नहीं पहना था. एक बात और मेरे मित्रगणों  चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है.


 

 उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है  मेरी नज़र उसकी चूत पर गयी तो चूत के ऊपर छोटे छोटे बाल थे और जो चूत की शोभा बढ़ा रहे थे.. मैंने उसके पैरों को फैलाया तो चूत के पूरे दर्शन मिल गए. शादी के तीन साल बाद भी उसकी चूत फूली हुई थी तो मैंने धीरे से चूत का मुहं खोला तो अंदर बिल्कुल लाल कलर दिख रहा था और मैंने चूत के दाने को उंगली से थोड़ा गीला करके छुआ तो फातिमा अंसारी  के शरीर में करंट सा दौड़ गया और मैंने बिना रुके चूत को चाटना शुरू कर दिया तो वो शईई ऊई माँ करने लगी और मेरे सर पर हाथ फेरती रही. मेरे मित्रगणों  देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी.


 

 मेरे मित्रगणों  चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे   उसकी चूत पहले से ही गीली हो गयी थी तो मुझे रस भरी चूत को चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था लेकिन फातिमा अंसारी  मेरे चूत चाटने का पूरा मजा ले रही थी. फिर मैंने चूत में एक उंगली डाल दी और चाटने लगा.. चूत के अंदर बहुत गरम था और कुछ देर चूत चाटने के बाद फातिमा अंसारी  मुझे अपनी दोनों जांघो के बीच में दबाने लगी और चिल्लाने लगी ऊहह अह्ह्ह करते करते झड़ने लगी. अब मुझे उसकी चूत के पानी को पीने में बहुत मज़ा आ रहा था. में ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा तो वो और भी तड़प उठी और उसकी चूत से बहुत पानी निकल रहा था. फिर पूरा झड़ने के बाद फातिमा अंसारी  उठी और मुझे बेड पर लेटाकर मेरा टावल निकालकर लंड को चूसने लगी. वो लंड चूसने में माहिर थी और वो मेरे सुपाड़े को दांत से काट लेती. जिससे मेरे अंदर करंट दौड़ जाता और में पीछे से उसकी चूत को सहला रहा था.. जिस कारण वो भी बहुत गरम हो गयी. फिर अचानक वो उठी और मेरे लंड पर बैठ गयी लेकिन मेरा लंड सुनील देओल  के लंड से थोड़ा बड़ा और मोटा था.. वैसे सुनील देओल  का लंड भी बड़ा था और वो फातिमा अंसारी  को बहुत चोदता था. मेरे मित्रगणों  मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.


 

 मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था . फिर फातिमा अंसारी  झट से मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी और दर्द से चीख पड़ी और एकदम खड़ी हो गयी तो मैंने उससे कहा कि मेरी जान थोड़ा आराम से चूत में डालो.. बहुत मज़ा आएगा और उसके बाद वो धीरे से मेरे लंड पर बैठी और ऊपर नीचे होने लगी. फातिमा अंसारी  मेरी तरफ मुहं करके बैठी थी और मैंने उसकी कमर को पकड़ा और नीचे से तेज़ी से धनाधन चोदने लगा और में जानबूझ कर उसे बहुत देर तक बिना रुके तेज़ चोदने लगा तो वो चिल्लाने लगी.. ऊहह माँ मर गई रे आह्ह्ह ज़रा थोड़ा धीरे करो उफफफ्फ़ लेकिन मैंने नहीं सुना और मग्न होकर चोदने लगा. वो ज़्यादा दर्द के कारण मेरे ऊपर लेट गयी और मुझे रुकने के लिए कहा.. अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मेरे मित्रगणों  मै पागल सा हो गया .



 ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मेरे मित्रगणों   मैंने उससे पूछा कि क्यों मेरी जान मज़ा नहीं आया तो वो बोली कि तुम तो बहुत ही खतरनाक स्टाईल से चोदते हो.. सुनील देओल  भी मुझे तड़पा तड़पाकर चोदता है और मुझे लगता है कि तुम दोनों दोस्त एक ही स्कूल से चोदने की ट्रैनिंग लेकर आए हो. फिर मैंने कहा कि अभी तो शुरुवात हुई है आगे आगे देखो होता है क्या? माल चुदाई के लिए तड़प रही थी मेरे मित्रगणों .

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