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दोस्त और उसकी पटाखा बीवी

Posted on:- 2023-03-13


दोस्तों नमस्कार आपकी की चुदाई कैसी चल रही है मजा तो आ रहा है न मेरा नाम अंकित पेलूदास  है और में हरियाणा के पलवल  जिले का रहने वाला हूँ. दोस्तों में भी अपनी एक सच्ची कहानी आप सभी से शेयर करना चाहता हूँ जो पिछली कुछ दिनों पहले मेरे साथ घटित हुई एक सच्ची घटना है और अब में सीधा अपनी आज की कहानी पर आता हूँ. दोस्तों मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है, उसका नाम अमरजीत पेलुचोद्फ  है और वो करनाल में रहता है और हम दोनों बचपन से बहुत जिगरी दोस्त है और उसकी शादी को अभी 6 महीने ही हुए है. उसकी शादी अपनी खुद की मर्जी से हुई थी, उसकी लव मेरिज के लिए पहले उसके घरवाले साफ मना कर रहे थे, लेकिन हमारे बहुत ज़ोर डालने पर घरवाले राज़ी हो गये और फिर उसकी शादी हो गई, दोस्तों उसकी पत्नी मतलब की मेरी भाभी का नाम सपना चुतड़वाली  है और उसकी उम्र करीब 25 साल है. वो दिखने में एक बहुत ही सुंदर हरयाणवीं  लड़की है, वैसे अमरजीत पेलुचोद्फ  भी दिखने में बहुत अच्छा है और भाभी मुझे उनकी शादी से पहले से ही जानती है क्योंकि हम लोग बहुत बार एक दूसरे से मिल चुके है. अच्छा दोस्तों क्या आपने किसी लड़की को चोदा है सच्ची बताना.


 अच्छा दोस्तों गांड मरने का अपना अलग मजा है अब में आप सभी को अपनी आगे की कहानी सुनाता हूँ. एक दिन में किसी जरुरी काम के लिए पलवल  जा रहा था तो मुझे पास के ही शहर में अंकल (अमरजीत पेलुचोद्फ  के दादा जी) मिल गये. में उन्हे देखकर बहुत हैरान हो गया वो बहुत ज्यादा उम्र के है और आजकल थोड़ा बीमार भी रहते थे. मैंने उनसे पूछा कि आपको कहाँ जाना है? आप लॉप ने कभी न कभी तो किसी न किसी की गांड मरी ही होगी .
 

क्या दोस्तों आपने कभी भाभी को चोदा है कितना मजा आया बताना जरा उन्होंने मुझे बताया कि में पलवल  जा रहा हूँ, यहाँ पर मुझे कुछ काम था तो में यहाँ पर रुक गया था और फिर उन्होंने मुझे बताया कि मुझे पलवल  से कुछ अपने लिए दवाईयां भी खरीदकर लानी है. मैंने उनसे कहा कि आप वापस घर पर चले जाइए, आपकी सभी दवाईयां में आपको लाकर दे दूंगा. मैंने उनसे दवाईयों वाली पर्ची ले ली और फिर पलवल  जाकर दवाईयां खरीदकर लाया और जब में 3:30 बजे के करीब दवाईयां देने अमरजीत पेलुचोद्फ  के घर पर पहुंचा तो मैंने देखा कि दादा जी बाहर बरामदे में बिस्तर पर पड़े हुए आराम कर रहे थे. मैंने उन्हे उनकी दवाईयां दे दी, मैंने उनसे पूछा कि अमरजीत पेलुचोद्फ  कहाँ है? तो उन्होंने मुझे बताया कि वो ऊपर वाले कमरे में है क्योंकि ऊपर वाला रूम उसी का था और बाकी घरवाले उस समय किसी शादी में गये हुए थे और फिर मैंने दादा जी से कहा कि आप आराम कीजिए में ऊपर अमरजीत पेलुचोद्फ  से मिलकर अभी आता हूँ. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.


 क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी दादा जी फिर से लेट गये और में ऊपर अपने दोस्त से मिलने चला गया, जब में ऊपर गया तो मैंने देखा कि ऊपर तीन रूम है. बीच वाला रूम अमरजीत पेलुचोद्फ  का था और वो अंदर से बंद था. मैंने सोचा कि शायद वो सो रहा होगा उसे जगाना ठीक नहीं है और फिर में पास वाले रूम में चला गया और आराम करने के लिए सोफे पर बैठ गया. उनके घर के सामने वाली छत पर एक सुंदर सी लड़की खड़ी हुई थी. मैंने उसे देखा तो मेरा लंड खड़ा होने लगा, वो बहुत ही सुंदर थी और उसने कपड़े भी बहुत टाईट पहने हुए थे. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.


  मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया कुछ देर बाद वो वॉशरूम में चली गई और नहाने लगी. मेरा लंड अब भी तना हुआ था तो मैंने उसे अपनी पेंट से अब बाहर निकाल लिया और हिलाने लगा कि तभी मुझे भाभी के हंसने की आवाज़ सुनाई दी. मेरी तो सांसे ही एकदम से रुक गई और फिर मैंने सोचा कि शायद भाभी ने मुझे देख लिया है, लेकिन नहीं ऐसा नहीं था क्योंकि भाभी साथ वाले रूम में थी और में जिस रूम में बैठा हुआ था उसमे बीच वाले रूम में जाने के लिए एक दरवाजा था, लेकिन वो बंद किया हुआ था उसके ऊपर एक रोशनदान था में सोफे पर चढ़ गया और अंदर देखने लगा. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.


 क्या दोस्तों आपने अपने बहन की चूची को दबाया है अंदर का क्या मस्त नज़ारा था? उसे देखकर मेरा लंड पूरा का पूरा तनकर खड़ा हो गया, क्योंकि अंदर भाभी बिल्कुल नंगी बेड पर लेटी हुई थी, लेकिन अमरजीत पेलुचोद्फ  उसके पास नंगा बैठा हुआ था. अमरजीत पेलुचोद्फ  का लंड शायद 5.5 इंच होगा, भाभी के सुंदर बड़े आकार के एकदम गोल गोल तने हुए बूब्स को देखकर में अब बिल्कुल पागल हो रहा था और आज में अपनी आखों से ब्लूफिल्म देखने वाला था. मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.


 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  अब अमरजीत पेलुचोद्फ  ने भाभी के बूब्स को बारी बारी से अपने मुहं में ले लिया और चूसने लगा. भाभी चटपटा रही थी और अमरजीत पेलुचोद्फ  के लंड को हाथ में लेकर आगे पीछे कर रही थी और वो दोनों कभी कभी फ्रेंच किस करने लगते तो उन्हे देखकर मेरा जी कर रहा था कि में अभी जाकर भाभी को चोद डालूं, लेकिन में ऐसा नहीं कर सकता था. मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है    .


 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये फिर अमरजीत पेलुचोद्फ  ने भाभी के मुहं में अपना लंड डाला और भाभी उसे धीरे धीरे बहुत मज़े लेकर चूसने लगी और फिर अमरजीत पेलुचोद्फ  ने भाभी का एक पैर उठाया और अब वो भाभी की चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा. जिसकी वजह से भाभी की हालत अब बहुत खराब हो रही थी और वो अब ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी, प्लीज अब उह्ह्हह्ह्ह्ह मुझे और मत तड़पाओ ऊईईईईइ माँ आह्ह्ह्हह्ह में अब और नहीं सह सकती, प्लीज कुछ करो और वो अमरजीत पेलुचोद्फ  से जल्दी अपने लंड को चूत में अंदर डालने को कह रही थी. मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है.


 मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था     फिर अमरजीत पेलुचोद्फ  ने धीरे धीरे अब अपना 5.5 इंच का लंड उनकी तड़पती हुई चूत के अंदर डालना शुरू किया और उसका लंड धीरे धीरे फिसलता हुआ उनकी बैचेन चूत में चला गया और अब लंड चूत के अंदर जाते ही भाभी की साँसे धीरे धीरे तेज हो गई और उनकी आँखे भी कुछ बड़ी हो गई थी और अब भाभी के दोनों पैर अमरजीत पेलुचोद्फ  के कंधो पर थे और हाथ उनके बूब्स पर थे. वाह दोस्तों वो क्या मस्त नज़ारा था? फिर अमरजीत पेलुचोद्फ  सपना चुतड़वाली  भाभी को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. जिसकी वजह से पूरे कमरे में पच पच की आवाजें आ रही थी और चुदाई के बीच बीच में भाभी की सिसकियों की आवाज के साथ साथ उनकी चीख भी मुझे सुनाई दे रही थी और फिर करीब 7-8 मिनट की चुदाई के बाद भाभी झड़ गई और अब उनकी चूत से बहुत सारा पानी निकल रहा था. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.


 साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है अमरजीत पेलुचोद्फ  ने अचानक से अपना लंड चूत से बाहर निकाला और एक कपड़े के साथ लंड और चूत को साफ किया. उसके ऐसा करने से चूत दोबारा फिर से सूख गई थी और अब अमरजीत पेलुचोद्फ  ने भाभी को घोड़ी बनाया और उनके पीछे से लंड को उनकी चूत में डालने लगा. भाभी ने हल्की से चीख मारी और हंसने लगी और अब एक बार फिर से उनका चुदाई का काम शुरू हो गया थाज अमरजीत पेलुचोद्फ  पूरे जोश से भाभी को धक्के देकर चोद रहा था. भाभी तो मानो पूरी तरह से जोश में आ गई थी, वो बार बार अपनी गांड को पीछे की तरफ धक्का देकर लंड को पूरा अंदर लेने की कोशिश कर रही थी. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.

 मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया  कुछ देर की जोरदार चुदाई के बाद ही वो एक बार फिर से झड़ गई, लेकिन अमरजीत पेलुचोद्फ  अभी भी नहीं झड़ा था. भाभी उससे कह रही थी कि अब तो छोड़ दो मुझे जानू, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन अमरजीत पेलुचोद्फ  का लंड अभी भी बिल्कुल खंबे की तरह तनकर खड़ा हुआ था और उसने भाभी की एक ना सुनी और ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. उसने पीछे से भाभी के बूब्स को मसल मसलकर बिल्कुल लाल कर दिए थे. वो भाभी को ऐसे चोद रहा था कि जैसे कोई किसी रंडी को चोदता है और मानो कि आज पहली और आख़िरी बार सपना चुतड़वाली  उसके साथ सेक्स कर रही हो और अब भाभी की आँख से आँसू निकलने लगे थे और वो उससे कहने लगी कि आज के बाद में आपको वियाग्रा की गोली नहीं खाने दूंगी. अमरजीत पेलुचोद्फ  पीछे से चोदते हुए अब धीरे धीरे कुत्ते की तरह चोदे जा रहा था. तभी हे भगवान भाभी की तो चीखने चिल्लाने की आवाज अब बहुत बढ़ गई थी और उनकी आवाज बढ़नी भी थी, क्योंकि उनकी लगातार बहुत देर से इतनी जबरदस्ती चुदाई जो हो रही थी, करीब 35 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अमरजीत पेलुचोद्फ  झड़ने वाला था. उसने सपना चुतड़वाली  भाभी को ज़ोर से पकड़ लिया और कस कसकर धक्के मारने लगा. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों  .


 मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया भाभी हर एक झटके के साथ ज़ोर से चीखती चिल्लाती रही. फिर करीब 20-25 झटको के बाद अमरजीत पेलुचोद्फ  के लंड ने सपना चुतड़वाली  भाभी की चूत में अपना वीर्य डाल दिया. भाभी एकदम से झटपटाई और अमरजीत पेलुचोद्फ  के गर्म वीर्य ने भाभी की चूत में हलचल पैदा कर थी. अमरजीत पेलुचोद्फ  ने कुछ देर बाद भाभी की चूत में से अपने लंड को बाहर निकाला और वो उठकर रूम के अटॅच बाथरूम में चला गया. भाभी एकदम सीधी होकर बेड पर लेट गई और उसकी चुदाई करके अमरजीत पेलुचोद्फ  ने उनकी चूत को तो शांत कर दिया था और वो अब बहुत थक गई थी और ऐसे ही लेटी रही. फिर थोड़ी देर बाद अमरजीत पेलुचोद्फ  बाथरूम से बाहर आया और उसने सपना चुतड़वाली  को उठाया और उससे बाथरूम में जाने को कहा, लेकिन वो बड़ी मुश्किल से उठी, क्योंकि चुदाई की वजह से उसे चलने में भी बहुत दिक्कत हो रही थी. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों.


 मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया फिर वो दोनों बाथरूम ने जाकर नहाने लगे और में उनकी चुदाई को मन ही मन सोचकर मुठ मारने लगा. तभी मेरी नज़र सामने वाली छत पर उस लड़की पर पड़ी मेरा लंड मेरे हाथ में था और वो मुझे घूर घूरकर देख रही थी और अब वो सब कुछ समझ गई थी कि मैंने अब तक कमरे के अंदर क्या क्या देखा है? उसकी उम्र करीब 21 साल होगी और मेरी उम्र 23 है. वो भी अब मुझ पर थोड़ी थोड़ी लट्टू थी. दोस्तों करनाल की लड़कियां सेक्स के प्रति बहुत खुली हुई होती है. वो मुझे देखकर हंसने लगी मैंने लंड को पेंट के अंदर डाला और में भी हंसने लगा फिर मैंने उसे आंख मारी तो उसने मुझे बहुत कातिलाना स्माईल दी और फिर मेरी तरफ आंख मारकर नीचे चली गई. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों  मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया क्या दोस्तों आपने कभी भाभी को चोदा है कितना मजा आया बताना जरा.

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