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दिल्ली की घरेलू बीवी की गांड फाड़ी

Posted on:- 2022-11-29


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , मेरा नाम वीरेंदर कुश्वंशी  है, में मुंबई   का रहने वाला हूँ, में एक जिगलो हूँ, मेरी उम्र 21 साल है. एक दिन में घर पर फ्री था तो तभी मेरे फोन की रिंग बज़ी, वो फोन एक लेडी का था. फिर उसने बताया कि वो मुंबई   से बोल रही है. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.

 क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी मैंने कहा कि में भी मुंबई   में हूँ और बोर हो रहा हूँ. फिर बात आगे बढ़ी और सेक्स पर आ गयी. फिर मैंने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम संजना बताया. फिर उसने मुझसे संपर्क करने के लिए कहा. फिर मैंने पूछा कि तुम कहाँ पर रहती हो? तो वो बोली कि में बसंत विहार में रहती हूँ और कहने लगी कि तुम अभी आ सकते हो? फिर मैंने उसका पूरा पता लिया और उसको अपना चार्ज बता दिया तो वो राज़ी हो गयी. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.

 मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया फिर मैंने बाहर आकर एक टेक्सी पकड़ ली और बसंत विहार पहुँच गया. फिर जैसे ही मैंने डोरबेल बजाई तो वो दौड़कर आई और बोली कि वीरेंदर कुश्वंशी ? तो मैंने कहा कि हाँ. वो वहाँ पर एकदम अकेली रहती थी, उसका पति एक कंपनी में लंदन में काम करता था, वो 2 महीने में सिर्फ़ 3-4 दिन के लिए ही मुंबई   आता था, उसका घर बहुत ही खूबसूरत था. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.


 मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है फिर उसने मुझे सोफे पर बैठने को कहा और कपड़े बदलने और चाय बनाने चली गयी. अब लगभग 10 मिनट बीत चुके थे, तो में बैचेन होने लगा. फिर मैंने टी.वी ऑन कर दिया और देखने लगा. फिर 15 मिनट के बाद वो चाय लेकर आई, उसने केवल ब्रा और पेंटी पहन रखी थी, उसका बदन एकदम गोरा था, वो बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी लग रही थी. फिर उसने चाय टेबल पर रखी और मेरी गोद में बैठकर चाय बनाने लगी. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा. 


 मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है     फिर उसने मुझे चाय दी और खुद मेरी गोद में ही बैठकर चाय पीने लगी. अब उसके गोद में बैठने से में जोश में आ गया था और मेरा लंड खड़ा हो गया था. फिर उसने भी मेरे खड़े लंड को महसूस किया और चाय पीते हुए अपनी गांड को मेरे लंड पर रगड़ने लगी थी. अब मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था. फिर 2 मिनट में ही हमने चाय खत्म की और वो मेरे ऊपर से हट गयी. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.


 मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है उसने मुझसे कहा कि मैंने तो अपने सारे कपड़े निकाल दिए, लेकिन तुमने अभी तक अपने कपड़े पहन रखे है, तुम भी इन कपड़ो को उतार दो. फिर मैंने भी अपनी चड्डी छोड़कर सारे कपड़े उतार दिए. फिर वो मेरी गोद में आकर बैठ गयी और मुझे चूमने लगी. फिर मैंने भी उसके होंठो को चूमना शुरू कर दिया, उसके लिप्स बहुत गर्म थे. अब में उसकी पीठ पर अपना हाथ फैरने लगा था और वो भी मेरे होंठो को चूमते हुए मेरे पीठ को सहलाने लगी थी. अब मेरा लंड एकदम उसकी चूत से सटा हुआ था, लेकिन बीच में उसकी पेंटी थी. चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए.
 

साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है फिर मैंने उसकी पेंटी नीचे करनी चाही, तो वो बोली कि पहले तुम अपनी चड्डी उतारो और फिर उसके बाद मेरी पेंटी उतारना. तो मैंने अपनी चड्डी उतारने के बाद उसकी पेंटी को भी उतार दिया. फिर मैंने उसकी ब्रा को भी खोलकर फेंक दिया, अब हम दोनों एकदम नंगे थे. फिर मैंने उसे बेड पर ले जाकर बैठा दिया. अब मैंने उसके होंठो को चूमना और उसकी पीठ पर हाथ फैरना शुरू कर दिया था. अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.


 मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया थोड़ी देर के बाद मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और घुमाने लगा. फिर मेरी जीभ बाहर निकालने के बाद उसने भी वैसा ही किया. अब वो खूब मज़े से मेरे होंठो को चूस रही थी और मेरी पीठ पर अपना हाथ फैर रही थी. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया, तो वो मुझसे एकदम से लिपट गयी, उसकी चूत एकदम साफ और चिकनी थी. वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों . 

 मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया मैंने उसकी चूत पर अपना हाथ फैरते- फैरते अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी, उसकी चूत एकदम गीली थी. फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपनी पूरी उंगली उसकी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. फिर उसने भी मेरा 7 इंच का लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी. अब 5 मिनट में ही हम दोनों एकदम जोश में आ गये थे. वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों.  


 मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया  मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और उसके पैरों के बीच में आ गया. फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के बीच में रखा तो उसने अपने चूतड़ ऊपर की तरफ उठा दिए. फिर मैंने एक धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया. ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों.  

 मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया वो बोली कि अपना पूरा लंड मेरी चूत में जल्दी डालो, खूब चोदो मुझे, मेरी इस तरह चुदाई करो कि जैसा मेरे पति ने कभी ना की हो, खूब ज़ोर-ज़ोर से चोदना मुझको, आज फाड़ देना मेरी चूत को, रुकना मत. फिर मैंने एक धक्का और लगाया तो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया. अब उसने अपने दोनों पैरों को मेरी कमर पर कसकर लपेट लिया था. उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब .


 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों   मैंने भी उसकी चुदाई तेज़ी के साथ शुरू कर दी और वो पूरे जोश में आकर बोलने लगी आह बहुत मज़ा आ रहा आह है, चोदो मेरे राज़ा, फाड़ डालो आज इस कुत्तिया की चूत को, तेज और तेज. अब में उसके चिल्लाने से और जोश में आ गया था और उसे एकदम तूफान की तरह चोदने लगा था. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया.


 कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था अब पूरा बेड ज़ोर-ज़ोर से हिल रहा था, अब इस समय में एकदम सातवें आसमान पर था. फिर इसी बीच मैंने अपना लंड पूरा बाहर निकाला और वापस से एक झटके में ही उसकी चूत में डाल दिया. तो वो चिल्ला उठी और उसने मुझे और ज़ोर से पकड़ा और लिपट गयी. अब वो पूरे जोश में आ गयी थी और झड़ने ही वाली थी और फिर मेरे 8-10 धक्को के बाद वो झड़ गयी. अब मुझे कोई जल्दी नहीं थी. उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये .


 मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है मैंने अपनी पोज़िशन बदल दी और उसे डॉगी स्टाइल में कर दिया और उसके पीछे आ गया. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के बीच में रखा और एक ही धक्के में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया. अब मैंने अपनी एक उंगली उसकी गांड में डाल दी थी और बहुत ही तेज़ी के साथ उसकी चुदाई करने लगा था. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.

 मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया  में उसको इतनी तेज चोद रहा था कि वो अपने आपको संभाल ही नहीं पा रही थी और ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी चोदो मेरे राजा, आज मेरी चूत की चटनी बना डालो, अपना पूरा लंड इसमें डालकर खूब ज़ोर-ज़ोर से चोदो, अपने लंड के पानी से मेरी इस प्यासी चूत को सींच दो, मुझे इस चूत ने बहुत परेशान कर रखा है, मेरा पति 2 महीने में केवल 5-6 बार ही चोद पाता है और में भूखी रह जाती हूँ, आज तुम मेरी चूत का घमंड एकदम चूर-चूर कर दो, तुम बहुत अच्छा चोद रहे हो, आज मुझे इस चुदाई में जो मज़ा आ रहा है उतना मुझे अपने पति से चुदवाने में कभी नहीं आया, इस चुदाई को में ज़िंदगीभर याद रखूँगी, मेरे पति ने मुझे कभी इतना मज़ा नहीं दिया, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, तुम अपने लंड का पानी जल्दी से मेरी चूत में निकाल दो. मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए.


 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है मैंने उसे बहुत ज़्यादा जोश में देखा तो मैंने अपनी पूरी उंगली उसकी गांड में डाल दी. फिर वो चिल्ला उठी और बोली कि क्या कर रहे हो? बहुत दर्द हो रहा है, आह में मर जाऊंगी, मत करो ऐसा, मुझमें इतनी ताकत नहीं है कि में दोनों छेद में एक साथ बर्दाश्त कर पाऊँ. एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया.


 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई फिर मैंने अपने एक हाथ से उसकी चूचीयों को मसलना शुरू कर दिया, तो वो शांत हो गयी. अब वो भी अपने चूतड़ तेज़ी से आगे पीछे करते हुए मेरा साथ देने लगी थी. अब तक मुझे चोदते हुए लगभग 30 मिनट बीत चुके थे और अब मेरा भी पानी निकलने वाला था. मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया.
  

 मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया अब में उसे पूरी ताकत के साथ और तेज़ी से चोदने लगा था. फिर 2 मिनट में ही मेरा पानी निकला और उसकी चूत भरने लगी. अब मेरा पानी निकलते ही वो एकदम शांत हो गयी थी और जैसे उसकी प्यासी चूत को पानी मिल गया हो. अब इस दौरान उसकी चूत से भी 4 बार पानी निकल चुका था. फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो मैंने देखा कि उसकी चूत एकदम सूज गयी थी, क्योंकि मेरा लंड शायद उसके पति के लंड से मोटा और लंबा था. अब उसकी चूचीयाँ मेरे मसलने से एकदम लाल-लाल हो गयी थी. फिर में उसके बगल में लेट गया. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों . 


 उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी   फिर हम थोड़ी देर तक वैसे ही लेटे रहे. फिर 15 मिनट के बाद ही वो फिर से चुदवाने के लिए तैयार हो गयी. अब वो अपनी चूत को साफ करने के लिए बाथरूम जाना चाहती थी, लेकिन वो खड़ी नहीं हो पा रही थी, तो मैंने उसे सहारा देकर खड़ा किया और बाथरूम में ले गया. मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु .

 उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों  बाथरूम में जाकर उसने पहले मेरे लंड पर साबुन लगाकर साफ किया और फिर उसके बाद वो अपनी चूत धोने लगी. फिर हम बाथरूम से वापस आए और अब वो बेड के किनारे पर एक तकिया रखकर बैठ गयी थी. फिर तभी मैंने उसके सारे बदन को चूमना शुरू कर दिया तो वो फिर से जोश में आने लगी. फिर मैंने उसकी चूत को चूमना शुरू किया, तो वो एकदम मस्त हो गयी. अब जोश के मारे उसकी चूत एकदम गर्म हो गयी थी. फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल दी और घुमाने लगा तो वो पागल सी होने लगी और उसने मेरे सिर को कसकर पकड़ लिया. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों    .

 मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार अब वो एकदम स्वर्ग का मज़ा ले रही थी और बोली कि चाटो मेरे राज़ा, मेरे पति ने कभी मेरी चूत को नहीं चाटा, में बहुत खुश नसीब हूँ कि मुझे अपनी चूत को चटवाने का मज़ा भी मिल रहा है, मेरी चूत को चाट-चाटकर इसका पानी निकाल दो, आह बहुत मज़ा आ रहा है और ज़ोर से, बस मेरा पानी निकलने ही वाला है, अआह्ह्ह में एयेए गइई और तेज-तेज. फिर थोड़ी देर तक उसकी चूत को चाटने के बाद वो झड़ गयी तो मैंने उसकी चूत से निकला हुआ सारा जूस चाट लिया. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.


 उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों  मैंने एक क्रीम लेकर उसकी गांड पर लगाई और क्रीम लगाने के बाद मैंने अपना लंड उसकी गांड के छेद पर रखा तो वो बोली कि प्लीज में पहली बार गांड मराने जा रही हूँ, जरा धीरे-धीरे करना, फिर मैंने कहा कि ठीक है. फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में धीरे-धीरे घुसाना शुरू किया, तो वो सिसकारियाँ भरने लगी. अब अभी तक केवल मेरा सुपाड़ा ही उसकी गांड में घुसा था और फिर मैंने थोड़ा ज़ोर लगाया तो मेरा लंड उसकी गांड में 2 इंच तक घुस गया. फिर वो रोने लगी तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया तो वो कुछ समझ नहीं पाई. मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता.


 एक बात और मेरे मित्रगणों  चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है फिर मैंने अपना लंड फिर से उसकी गांड के छेद पर रखा और अपनी पूरी ताकत के साथ एक धक्का लगा दिया तो मेरा आधा लंड उसकी गांड में घुस गया. अब वो बहुत ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने और रोने लगी थी, लेकिन मैंने उसकी कोई परवाह नहीं की और अपनी पूरी ताकत के साथ एक ज़ोरदार धक्का और मारा तो मेरा पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया. उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम  चुदकड़ अंदाज है.


 मेरे मित्रगणों  देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी वो बहुत ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी और अपने सिर के बाल नोचने लगी. लेकिन में रुका नहीं और फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में तेज़ी के साथ अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. फिर थोड़ी ही देर के बाद उसका दर्द कम हो गया और उसे भी गांड मरवाने में मज़ा आने लगा. अब वो तेज़ी के साथ अपने चूतड़ आगे पीछे करते हुए गांड मरवाने लगी थी. मेरे मित्रगणों  चुत को चाटेने के  समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे  .


 मेरे मित्रगणों  मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था लगभग 30 मिनट के बाद में उसकी गांड में ही झड़ गया. फिर जब मेरे लंड का पूरा पानी निकल गया तो मैंने अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला. अब उसकी गांड एकदम चौड़ी हो चुकी थी. फिर उसके बाद हम दोनों लेट गये और आराम करने लगे. फिर उसने उस दिन मुझे घर नहीं जाने दिया और वो पूरी रात मुझसे चुदवाती रही. फिर मैंने उस रात उसकी 4 बार चुदाई की और 2 बार उसकी गांड भी मारी. अब वो अपने पति के ना रहने पर मुझसे खूब चुदवाती है और हम दोनों खूब मजा करते है. मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने  को तैयार नहीं था . चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं  चोदना चाहेगा  है न मेरे मित्रगणों  आया .

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