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बीवी को दिया दूसरे लंड का गिफ्ट

Posted on:- 2024-08-11


हैल्लो दोस्तों, मुझे एक राज नाम के व्यक्ति का फोन आया और उसने मुझसे कहा कि वो चाहता है कि में उसकी पत्नी प्रीति के साथ सेक्स करूं और मेरी कहानी सुनाने से पहले में आपको अपना परिचय भी करवा देता हूँ. दोस्तों मेरी उम्र 28 साल है और मुझे सेक्स करने का बहुत अच्छा अनुभव है. में अकेला दिल्ली में रहता हूँ और मेरी लम्बाई 6 फिट और वजन 70 किलो और अच्छा दिखने वाला बदन.

मुझे शुरू से ही सेक्स करने में बहुत महारत हासिल थी और मुझे  सेक्सी कहानियाँ पढ़कर हर एक तरह से चुदाई ने नये नये तरीके सीखने को मिले और में इस काम में धीरे धीरे बहुत अनुभवी होता चला गया. आज में ऐसी ही एक सच्ची चुदाई की घटना आप सभी को बताने जा रहा हूँ, जिसमे मैंने राज नाम के एक पति के कहने पर उसकी पत्नी को चोदकर उसकी चुदाई के बहुत मज़े लिए वो भी उसकी पत्नी को बिना अपना चेहरा दिखाए और मैंने उसको चोदकर पूरी तरह से संतुष्ट किया.

दोस्तों बात यह थी कि राज अपनी पत्नी को उसके जन्मदिन के मौके पर अपनी तरफ से कुछ ऐसा बिल्कुल अलग हटकर तोहफा देना चाहता था, इसलिए उसने मुझे फोन करके कहा कि में कल रात को दस बजे उसके घर आ जाऊँ और में उसके कहने पर रात को उसके घर पर पहुंच गया. फिर राज ने दरवाजा खोला और मुझे एक कमरे में ले गया, वहां पर बहुत अंधेरा था और उस रूम के बाथरूम का दरवाजा दूसरे बेडरूम में खुलता था उसने मुझे वहीं पर रुककर चुपचाप बेडरूम में देखने को कहा और इसके बाद वो बेडरूम में चला गया.

तभी मैंने देखा कि राज की पत्नी प्रीति की आँखो में एक पट्टी बँधी हुई है जिसकी वजह से उसे कुछ भी नजर नहीं आ रहा था. दोस्तों वैसे वो दिखने में बहुत ग़ज़ब की सेक्सी थी और उसकी लम्बाई 5.7 के करीब होगी और फिगर 35-34-38 होगा, वो बहुत गोरी और उसके बड़े आकार के बूब्स मुझे पहली बार में ही अपनी तरफ आकर्षित करने लगे थे.

दोस्तों उसकी आँखों पर बँधी वो पट्टी कमरे में होने वाली हर रोशनी को रोक रही थी और वो पट्टी वाकई में बहुत मजबूत थी. प्रीति ने महसूस किया कि आज उसका जन्म दिन था और उसके पति ने उसे एक अनोखा तोहफा देने का वादा किया था. अब प्रीति अपने कान खड़े करके दूसरे कमरे में से आने वाली आवाज़ को सुनने की कोशिश कर रही थी. थोड़ी देर पहले ही दरवाजे के खुलने की आवाज़ आई और फिर राज ने उससे पूछा कि क्या तुम अपने अनोखे तोहफे के लिए तैयार हो?

तभी प्रीति थोड़ा सा हिचकिचाते हुए बोली हाँ में तैयार हूँ, तो राज ने उससे कहा कि अब तुम यह बात याद रखो कि ना ही तुम कुछ बोल सकती हो और ना ही तुम मुझसे कोई सवाल पूछ सकती हो और इसके पहले उन दोनों ने एक अच्छे से रेस्टोरेंट में रात का खाना खाया था और खाने के साथ ही उन्होंने दो दो पेग भी पिए थे जिससे माहोल थोड़ा सा खुशनुमा हो जाए और राज ने आज शाम के लिए ही इस तोहफे का यानी मेरा इंतज़ाम किया था. अब उसकी पत्नी की उत्सुकता अब ज्यादा बढ़ गई थी कि राज ने ऐसे कौन से तोहफे का इंतज़ाम क़िया है उसके जन्मदिन पर? अब राज ने उसकी पट्टी को एक बार फिर से ठीक किया और फिर वो उसको चूमने लगा.

कमरा अंधेरे में डूबा हुआ था और वैसे कुछ मोमबतियां थी जो कमरे को हल्का रंग दे रही थी, प्रीति बेड के पास खड़ी थी और राज उसको अपनी बाहों में भरकर चूम रहा था, वो कभी उसके गुलाबी होंठो पर चूमता और फिर उसकी गर्दन पर चूमने लगता. उसके चूमने की अदा ने प्रीति को गरम कर दिया था और राज जब उसे उसके कूल्हों से पकड़कर अपनी तरफ खींचता और फिर ज़ोर से चूमता तो वो महसूस करती कि राज का लंड उसकी जांघों पर टक्कर मार रहा है. अब राज ने धीरे से उसके टॉप को ऊपर उठाकर उतार दिया और उसने यह भी ध्यान रखा कि कहीं उसकी पट्टी आँखों से ना हट जाए. फिर उसको घुमाकर अब उसकी ब्रा का हुक भी खोलकर ब्रा को भी उतार दिया. उसके बूब्स को भींचते हुए उसने प्रीति को अपने करीब किया और अपनी जांघों को उसकी जांघों से रगड़ने लगा अब राज अपने हाथों को प्रीति की नंगी पीठ पर फेर रहा था.

फिर उसने अपने हाथ से प्रीति की जीन्स के बटन को खोल दिया और उसकी जींस को नीचे सरका दिया. अब राज ने उसे बिस्तर के एक किनारे पर बैठा दिया और वो खुद अपने कपड़े उतारने लगा और फिर घुटनों के बल होकर उसने उसकी जींस को भी उतार दिया. उसके बाद राज ने उसे हल्का सा धक्का देकर बिस्तर पर लेटा दिया और फिर राज ने कहा कि अब असली मज़ा शुरू होता है. राज ने बेड के नीचे से एक रस्सी बाहर निकाल ली और प्रीति के दोनों हाथों को उसके सर के पीछे करके उसके दोनों हाथ बेड के एक किनारे से बाँध दिए.

फिर प्रीति ने हिचकिचाते हुए उससे पूछा यह तुम क्या कर रहे हो और मेरे दोनों हाथ क्यों बांध रहे हो? तभी राज ने उससे कहा कि अभी मैंने तुमसे कहा था ना कि तुम कोई भी सवाल नहीं कर सकती हो बस चुपचाप मेरे साथ मज़े लो. अब प्रीति मन ही मन सोच रही थी कि वो कितनी मजबूर है और राज ने उसे फिर चूमना शुरू कर दिया था.

राज अब लगातार उसके बूब्स को चूम रहा था और एक हाथ से उसके बूब्स को दबा रहा था और दूसरे बूब्स पर वो अपनी जीभ फेर रहा था. जब उसकी जीभ निप्पल के चारों तरफ घूमती तो प्रीति के शरीर में एक सिहरन सी उत्पन हो जाती और वो भी अब राज को अपनी बाहों में भरकर उसे चूमना चाहती थी, लेकिन अपने हाथ बँधे होने से वो बिल्कुल लाचार थी.

अब राज उसके बूब्स को चूसकर नीचे की तरफ दबा रहा था और उसने अब प्रीति की नाभि पर भी अपनी जीभ को फेरना शुरू कर दिया था और अब वो ज़्यादा समय उसकी नाभि में अपनी जीभ को डालकर उसे चूस रहा था जिसकी वजह से प्रीति उत्तेजना के मारे कांप रही थी, लेकिन राज की उस यातना ने उसे और भी ज्यादा कामुक कर दिया था और राज ने उसकी पेंटी के इलास्टिक में अपनी दो उंगलियां फंसाकर उसको भी उतार दिया और अब उसको अपने सामने पूरा नंगा कर दिया.

अब राज उठा और एक बड़ा सा तकिया लाया और उसने कहा कि प्रीति तुम ज़रा अपने कूल्हों को थोड़ा ऊपर उठाओ, जिससे में यह तकिया तुम्हारे नीचे लगा सकूँ. फिर प्रीति अपने आप को ऊपर उठाने में दिक्कत महसूस कर रही थी और इसलिए राज ने भी उसकी थोड़ी सी मदद की और वो तकिया उसके नीचे लगा दिया.

अब प्रीति की चूत ऊपर की तरफ खुलकर उठ चुकी थी और राज अब उसकी दोनों जांघों के बीच आ गया. उसकी जांघों को चूमते हुए ऊपर की तरफ बढ़ाने लगा अब राज अपनी जीभ को चूत के आसपास फिराने लगा जिसकी वजह से प्रीति की उत्तेजना बढ़ रही थी उससे अब सहन नहीं हो रहा था और राज अपनी जीभ को उसकी चूत में डालकर उसको चोद रहा था.

प्रीति ने बहुत बार चाहा कि वो राज के सर को पकड़े उसके सर को अपनी चूत पर दबाए, लेकिन दोनों हाथ बँधे होने की वजह से वो ऐसा ना कर सकी और वो ज़ोर से सिसकियों की आवाज निकालने लगी और बोली हे भगवान उफफ्फ्फ्फ़ में मर गई आह्ह्हह्ह, तभी राज ने उससे कहा आवाज़ नहीं मैंने अभी कहा था ना. अब राज ज़ोर से अपनी जीभ को प्रीति की चूत के अंदर बाहर कर रहा था और प्रीति अपने कूल्हों को उठाकर उसके इस काम में उसका साथ दे रही थी. फिर तभी प्रीति ने अपने शरीर को अकड़ता हुआ पाया और अब उसकी चूत ने उस दिन का पहला पानी छोड़ दिया था.

अब प्रीति की चूत में जोरों की खुजली हो रही थी और वो राज से कहना चाहती थी कि वो उसे जमकर चोदे, लेकिन राज ने उसको कुछ भी कहने से साफ मना किया था और यह बात सोचकर वो चुप रह गई. अब राज उसकी जांघों के बीच से उठ खड़ा हुआ और उसके होठों को चूमने लगा.

राज का एक हाथ अब उसके बूब्स को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसके सर को ज़ोर से पकड़ा हुआ था और राज ने अपनी जीभ को प्रीति के मुहं में डाल दिया और अब वो उसकी जीभ से खेलने लगा था इतने में प्रीति ने अपनी जांघों के बीच किसी को महसूस किया और वो मन ही मन सोचने लगी कि यह कैसे हो सकता है जब राज उसे चूम रहा है तो उसकी जांघों के बीच वो कौन है? उसे अब महसूस होने लगा कि कोई अपनी जीभ से उसकी जांघों के अंदर के हिस्से पर फेर रहा था और जैसे ही उसने कुछ कहने के लिए अपना मुहं खोलना चाहा, लेकिन उससे पहले ही राज ने उसके होठों को ज़ोर से चूम लिया और वो बोला कि तुम्हे कुछ भी कहने की ज़रूरत नहीं है और यही तुम्हारा वो अनोखा तोहफा है जिसकी में तुमसे बात कर रहा था.

तभी प्रीति उसके मुहं से यह बात सुनकर एकदम सहम गई और सोचने लगी कि यह अंजाना इंसान कमरे में कौन है? और वो मर्द है या कोई औरत यह विचार उसके दिमाग़ में घूमने लगा था. तभी इतने में उसने महसूस किया कि वो जो कोई भी था अब वो उसकी चूत को चाट रहा था, जिसकी वजह से उसकी उत्तेजना एक बार फिर से भड़क रही थी.

फिर राज उसकी छाती पर चढ़ गया और अपना खड़ा लंड वो उसके होठों पर घुमाने लगा. अब मेरी जीभ की रफ़्तार उसकी चूत पर तेज हो गई थी और उसके मुहं से सिसकियाँ निकल पड़ी ओहआअहह जैसे ही उसका मुहं खुला तो राज ने अपना लंड उसके मुहं में घुसा दिया और प्रीति ने राज के लंड को चूसना शुरू किया और तभी मेरी रफ्तार और भी तेज होती गई उसका शरीर अब धीरे धीरे अकड़ रहा था और उसे अपने आपको अब रोकना बहुत मुश्किल लग रहा था वो उत्तेजना में और जोर से राज के लंड को चूसने लगी थी और तभी उसकी चूत ने दोबारा अपना पानी छोड़ दिया.

फिर राज ने अपना लंड उसके मुहं से बाहर निकाल लिया और उस पर से खड़ा हो गया प्रीति भी अब अपनी साँसे संभालने में लगी हुई थी. अब प्रीति सोच रही थी ओह्ह्ह यह सब कितना अच्छा लग रहा है कि तभी उसने फिर से किसी को अपनी जांघों के बीच में महसूस किया. तभी अब चुदाई का वक्त हो गया है यह बात कहकर राज ने अपना लंड उसकी चूत पर रखकर थोड़ा सा अंदर डाल दिया ओह्ह्ह्ह माँआआअ में मर गई उसके मुहं से यह आवाज़ बाहर निकली और प्रीति की चूत इतनी गीली हो चुकी थी कि राज के हल्के से दबाव से ही उसका पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया था.

फिर इतने में उसने एक और लंड को उसके गुलाबी होठों के पास महसूस किया तभी उसने अपना मुहं लंड के सटाकर पूरा खोल दिया और मुझे अपना लंड उसके मुहं में डालने दिया, लेकिन वो मन ही मन सोच रही थी कि यह कौन हो सकता है? राज अब प्रीति को जमकर चोद रहा था और उसके धक्को की रफ्तार अब ज्यादा ही तेज होती जा रही थी. प्रीति भी अब अपने कूल्हों को उछालकर उसकी ताल से ताल मिला रही थी और वो अपने आपको बार बार मन ही मन याद दिला रही थी कि अगर आज मैंने राज की गांड पर जूते नहीं दिए तो मेरा नाम भी प्रीति नहीं है.

फिर जैसे ही मेरा लंड उसके मुहं में ज़ोर से घुसता वैसे ही राज की रफ्तार बढ़ती, जिससे प्रीति के शरीर में कामुकता और भी ज्यादा बढ़ जाती और वो ना चाहते हुए भी उस समय मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी और वो अगर राज यही चाहता है कि में दूसरे मर्द से चुदाई का मज़ा लूँ तो ठीक है में भी बता देना चाहती हूँ कि में चुदवा सकती हूँ यह सोचकर प्रीति ज़ोर ज़ोर से उस लंड को चूसने लगी और उसने उस लंड का पानी चूत तक महसूस किया राज धक्के पे धक्के दिए जा रहा था और उसकी चूत पानी छोड़े जा रही थी और प्रीति बहुत मज़े लेकर उस समय मेरे लंड के पानी को पी रही थी.

ऐसी चुदाई का उसका यह पहला मौका था. अब राज ने भी अपने दो धक्कों के बाद उसकी चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया और राज ने जैसे ही अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो प्रीति को बहुत बुरा लगा, क्योंकि वो उससे और भी ज्यादा चुदवाना चाहती थी. फिर राज ने उसके हाथों की रस्सी खोल दी और उसे बिस्तर पर पलट दिया जिसकी वजह से वो अब पेट के बल हो गई थी और तकिये पर होने की वजह उसकी गांड थोड़ी हवा में उठ गई थी राज बिस्तर के किनारे पर आ गया जिससे कि उसका लंड बहुत आसानी से प्रीति के मुँह में जा सके.

अब राज ने कहा कि तू अब मेरा लंड चूस. प्रीति ने राज का वीर्य से भरा हुआ लंड अपने मुहं में ले लिया, तभी उसने मेरे हाथ अपनी गांड पर महसूस किये. फिर जैसे ही मैंने अपना लंड उसकी गीली चूत में डाला तो प्रीति ने मन ही मन सोचा कि हे भगवान अब यह मुझे चोदने वाला है, एक बार तो उसका मन किया कि वो यहाँ से भाग जाए, लेकिन उसकी काम इच्छा ने उसको रोक दिया और उसके अंदर की आग इतनी भड़क चुकी थी कि उसके पास चुदवाने के अलावा कोई उपाय नहीं था.

फिर मैंने उसके दोनों कूल्हों को पकड़कर ज़ोर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. वहीं राज ने उसके पट्टी बँधे सर को अपने लंड पर दबा दिया जो अब खड़ा होने लगा था.

में उसकी गांड पर थप्पड़ मारते हुए ज़ोर ज़ोर से प्रीति को चोदे जा रहा था और वो उतनी ज़ोर से राज के लंड को चूस रही थी. उसका शरीर फिर से तन रहा था और अब में जैसे ही अपने लंड को उसके मुहं के अंदर तक डालता तो प्रीति उतना ही अपने कूल्हों को पीछे की तरफ धकेलकर उसके लंड को अपनी चूत की जड़ तक ले लेती और मेरा लंड राज के लंड से आकार में बड़ा था और प्रीति को उसकी चूत भारी सी महसूस हो रही थी.

अब प्रीति मन ही मन यह बात सोचकर कि अगर राज भी यही सब चाहता है कि में एक अंजाने व्यक्ति से अपनी चुदाई करवाऊँ तो ठीक है, आज में भी इसके लंड की एक एक बूँद को निचोड़कर पी जाउंगी. अब प्रीति और ज़ोर से राज के लंड को चूसने लगी थी और में अपनी पूरी ताक़त से प्रीति को लगातार ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था और प्रीति ज़ोर से मुहं को ऊपर नीचे करके राज के लंड को चूस रही थी.

जब वो पीछे होती तो मेरा लंड जड़ तक समा जाता और जब वो आगे को होती तो राज का लंड उसके गले तक आ जाता प्रीति पूरे आनंद के साथ इस विशेष चुदाई में मस्त हो रही थी और वो अब घोड़ी बनकर पूरे जोश में आकर मुझसे चुदवा रही थी और राज उसके बूब्स को मसलते हुए ज़ोर ज़ोर से उसके मुहं को धक्के देकर पूरे जोश में आकर चोद रहा था और में भी पूरे जोश में आकर प्रीति के कूल्हों को कसकर पकड़कर धक्के लगा रहा था.

उसका खून अब उबाल मार रहा था और उसकी चूत एक बार फिर से पानी छोड़ने के लिए तैयार थी. अब वो सिसकियों के साथ साथ ज़ोर से चिल्लाने लगी उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे ऊईईईईई माँ में मर गई और ज़ोर से अह्ह्ह्हह चोदो, वो अब ज़ोर से चीखी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया. प्रीति ने पूरी ताक़त से अपनी गांड को मेरे पेट के साथ सटा दिया और अब उसने मेरा वीर्य निकलना महसूस किया. मेरे लंड की पिचकारी इतनी तेज थी कि उसे लगा कि मेरा वीर्य ठीक उसकी बच्चेदानी पर टकरा रहा है. मेरे लंड से इतना ज्यादा वीर्य निकला कि उसकी चूत पूरी भर गई और अब पानी उसकी चूत से भी टपकने लगा था.

तभी राज ने उसके सर को ज़ोर से पकड़ा और उसके मुहं में अपने लंड की पिचकारी को छोड़ दिया. में अब भी उसको हल्के हल्के धक्के देकर चोदे जा रहा था और मेरा लंड भी तेज़ी से उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था. प्रीति तकिये पर लेटी हुई सोचने लगी कि हे भगवान क्या यह एक बार फिर से मेरी चूत में अपना वीर्य छोड़ेगा? तभी मैंने उसको बालों से पकड़कर अपना लंड उसकी चूत में जड़ तक घुसा दिया और फिर एक बार प्रीति ने मेरे गरम गरम वीर्य की पिचकारी को अपनी चूत में महसूस किया.

प्रीति अब बिल्कुल निढाल होकर बिस्तर पर गिर गयी और अपनी तेज तेज सांसो को संभालने लगी थी उसको अभी भी अपने आप पर विश्वास नहीं हो रहा था कि वो किसी अंजान व्यक्ति से अपनी चुदाई करवा चुकी है और वो भी एक ऐसे व्यक्ति से जिसका उसने अभी तक चेहरा भी नहीं देखा था. वो अपने ख्यालों में खोई हुई थी कि तभी मुझे इशारो से राज ने वहां से चले जाने को कह दिया और अब में वहां से बिना अपनी शक्ल प्रीति को दिखाए अपने कपड़े पहनकर चला गया.

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