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बीवी की बहन की चूत का रस

Posted on:- 2021-08-28


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , मैंने शादी से पहले कई लड़कियों और औरतो को चोदा है. मैंने अपनी पड़ोसन, क्लासमेट, पड़ोस की एक नाती को चोदा है. मगर एक दिन में एक आंटी को चोद रहा था, तो तब हमें किसी ने देख लिया, तो उसके बाद मैंने ये सब कम बंद कर दिए और मेरी छवि एक शरीफ लड़के की बन गई. मेरे एक गर्लफ्रेंड थी, तो कुछ ही महीनों के बाद हमारी शादी हो गई. मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है.


 

 क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी ये कहानी मेरी शादी के बाद की है, जब मैंने अपनी बीवी को चोदा तो तब मेरी प्यास बुझने की बजाए और बढ़ गई और अब मैंने दूसरी लड़कियों की तरफ देखना शुरू कर दिया था. लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों.


 

 मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया सबसे पहले मेरी नजर मेरी बीवी की बड़ी बहन साक्षी  पर पड़ी, जो अपने नाम के विपरीत एकदम काली थी, लेकिन वो थी बहुत सेक्सी, उसकी हाईट मुझसे 1 फुट 5 इंच ज़्यादा थी, उसके बूब्स बड़े सुडोल थे, उसकी गांड एकदम शेप में थी, वो ना तो पतली थी और ना ही मोटी, बिल्कुल मध्यम. में जब भी उसको देखता था तो मुझे खजुराहो की चुदाई  करती हुई मूर्तियाँ याद आ जाती थी. उसकी अपने पति से बिल्कुल भी नहीं जमती थी, यहाँ तक की उसका पति तो मेरी शादी में भी नहीं आया था. मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है.



 

 ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा  में जब भी अपने ससुराल जाता, तो वो मुझे भी ताने मारती रहती थी. अब इन सबको सुनकर मैंने भी सोच लिया था की इसको तो एक दिन रंडी बनाकर ही रहूँगा और अब में मौके की तलाश में रहने लगा था. अब में मौके की तलाश में था कि एक दिन मुझको पता चला कि उसका और उसके पति का विवाद अदालत तक चला गया है. मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है    .


 

अब साक्षी  को केस के कारण अपने पति के शहर जाना पड़ता था, लेकिन शहर बहुत दूर था और आने जाने में लगभग 5 घंटे लगते थे, हमेशा उनके साथ मेरा साला जाता था. फिर एक दिन उसे कुछ जरूरी काम था इसलिए मेरी सास ने मुझसे रिक्वेस्ट करते हुए कहा कि क्या आप कल साक्षी  के साथ जा सकोगे? अब मेरी तो मन की मुराद पूरी हो रही थी, लेकिन मैंने कहा कि में चला तो जाता, लेकिन मुझे कुछ काम है अगर आपने पहले बताया होता तो में अपने आपको एड्जस्ट कर लेता. तो इस पर मेरी सास ने कहा कि नहीं साहिल जी, साक्षी  को अकेले भेजने की हिम्मत नहीं होती और उसके भाई को भी बहुत जरूरी काम आ गया है, अगर आपको कोई जरूरी काम नहीं हो तो उसके साथ चले जाइए. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.


 

 मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन अगली बार से ध्यान रखना, में कल ठीक टाईम पर पहुँच जाऊंगा. फिर अगले दिन में और साक्षी  साथ-साथ गये. अब रास्ते भर हम लोग तरह- तरह की बात कर रहे थे. फिर मैंने उनसे पूछा कि आपकी अपने पति के साथ चुदाई  लाईफ कैसी थी? तो इस पर उन्होंने बताया कि ठीक ठाक थी. लेकिन उन्होंने चुदाई  की बातों में जरा भी रूचि नहीं दिखाई, तो में सोच में पड़ गया कि कैसे इसका चुदाई  में इंटरेस्ट पैदा किया जाए? मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था.


 

 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर मैंने पहले तो सोचा कि कोई गोली चाय में मिला दूँगा, लेकिन फिर सोचा कि नहीं क्यों ना रिस्क लिया जाए? उस दिन मैंने जानबूझकर देर कर दी थी जिस कारण हमारी आखरी बस चली गई थी. अब वो मुझे बुरा भला कहने लगी थी और में उसको, लेकिन ये तो मेरे प्लान का हिस्सा था. फिर आख़िर में हम दोनों एक होटल में रुकने के लिए गये. फिर मैंने जानबूझकर दो कमरे के लिए बोला, क्योंकि में जानता था कि वो मेरी नहीं चलने देगी. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.


 

 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी उसने कहा कि एक रात ही तो रुकना है, एक ही कमरे में सो जाएँगे. तो फिर हम लोग कमरे में आ गये, उसने होटल वाले से कहकर डबल बेड को अलग-अलग करवा दिया था. अब मेरे प्लान का दूसरा हिस्सा शुरू होने जा रहा था. अब मैंने उससे बहस करनी शुरू कर दी थी और फिर जैसा की ज्यादातर बहस का नतीज़ा होता है अंत में वो रोने लगी और कहने लगी कि एक तो में वैसे ही कम परेशान नहीं हूँ और इस पर तुम मेरा साथ देने के बजाए मुझसे लड़ रहे हो. बस अब में उससे मांफी माँगने लगा था और कहने लगा कि नहीं साक्षी  जी मत रोइए, आगे से ऐसा नहीं होगा और उसके आँसू पोछने लगा तो वो एकदम से चौक पड़ी. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.


 

 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   अब वो अपनी नजरे नीचे किए हुए खड़ी थी और उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे. अब मुझको ऐसा लग रहा था जैसे में किसी अप्सरा को देख रहा हूँ. फिर पहले मैंने उसके आँसू पोंछे और फिर मैंने उनसे कहा कि साक्षी  जी आज के बाद में आपको कभी भी बुरा भला नहीं कहूँगा, लेकिन उसके आँसू नहीं रुक रहे थे. मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.


 

 वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों   तब मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़ लिया और अपने दोनों हाथों के अंगूठे से उससे आँसू को पोछा तो वो थोड़ा सा सकपका गई और मेरी तरफ देखने लगी. फिर मैंने अपनी आँखों से उसको बड़े प्यार से देखा और 1 मिनट तक लगातार देखता ही रहा. अब उसने अपनी आँखें नीचे कर ली थी. फिर जैसे ही उसने अपनी आँखें नीची की तो मैंने उसके चेहरे को अपने पास लाकर उसकी आँखों को चूम लिया. मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.


 

 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों   अब वो तुरंत मुझे धकेलने की कोशिश करने लगी थी तो मैंने तुरंत उसे सामने की तरफ से दीवार पर टिका दिया और उसकी पीठ और गर्दन को चूमने लगा. अब वो मेरा लगातार विरोध कर रही थी, लेकिन चीख नहीं पा रही थी, उसने अभी तक कपड़े चेंज नहीं किए थे, उसके कपड़ो से उसके पसीने की खुशबू आ रही थी, जो मुझे और ज़्यादा उत्तेजित कर रही थी. अब में अपने होंठो को नीचे लाने लगा था और उसकी पीठ को चूमता हुआ उसके नितंबो की और आने लगा था. मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.

 

 उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब  मैंने उसके हाथों को छोड़ दिया और उसकी कमर को अपने हाथों से पकड़कर उसके कुर्ते को थोड़ा सा ऊपर उठाया और उसके सलवार के ऊपर से ही उसकी गांड को अपने दांतो से काटने लगा और अपना चेहरा उसकी गांड पर मसलने लगा था. अब वो थोड़ी गर्म हो रही थी, अब में उसकी गांड को चूमे जा रहा था और थोड़ी-थोड़ी देर में अपना चेहरा उसकी गांड पर भी दबा देता था. अब मैंने अपने हाथों का घेरा बनाते हुए उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया था. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों . 


 

 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया अब वो फिर से विरोध करने की कोशिश करने लगी थी. अब उसकी सलवार गिर पड़ी थी, लेकिन उसकी सलवार उसके पैरो में ही थी. फिर मैंने उसके एक पैर को अपनी जाँघ पर रखा और उसको सीधा कर दिया, जिस कारण अब वो एकदम बेबस सी हो गई थी, क्योंकि अब उसका एक पैर दूसरे पैर के पीछे से होते हुए मेरी जाँघ पर था और उसके दोनों पैरो में उसकी सलवार बेड़ीयों की तरह लिपटी हुई थी. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था .


 

 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  अब मेरे चेहरे के सामने उसकी पेंटी थी जिसे मैंने देर ना करते हुए नीचे खींच दिया था. फिर वो जैसे ही नीचे झुकी तो मैंने अपनी जीभ तुरंत उसकी चूत में डाल दी जिस पर हल्के-हल्के बाल थे, वाह क्या टेस्ट था उसकी चूत का? अब उसके शरीर में तो करंट सा दौड़ गया था और में उसकी चूत का मज़े से टेस्ट लेता रहा. अब वो धीरे-धीरे सिसकारियाँ भरने लगी थी. अब उसकी सिसकियों को सुनकर मेरा जोश और बढ़ने लगा था. फिर में उसके ऊपर आया और उसके होंठो को पहले तो अपनी जीभ से साफ किया और फिर उसके होंठो को चूमने लगा था.

 

मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है अब उसने अपने दोनों पैरो से अपनी सलवार को निकाल दिया था और अपने दोनों हाथों से मुझको जकड़ लिया था. फिर मैंने उसकी आँखों में देखा, तो वो नशीली होने लगी थी. फिर मैंने तुरंत उसके मुँह में अपनी जीभ घुसा दी, जिसे वो चूसने लगी थी. उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है.


 

 मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया अब मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे और उसके कुर्ते को खोल रहे थे और अब उधर हम दोनों एक दूसरे की जीभ को बुरी तरह से चूस रहे थे. अब हमारे मुँह में जरा सी भी लार नहीं रह पाती थी. अब हम लोग उसको चूसते जा रहे थे और एक दूसरे के दांतो पर भी जीभ रगड़ रहे थे. अब इधर मैंने उसके कुर्ते को खोलकर उसे उसके पैरो में गिरा दिया था, जिसे उसने तुरंत अपने पैरो से इस तरह दूर कर दिया था जैसे वो कोई सांप हो. मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए.


 

 ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है अब वो सिर्फ़ ब्रा में ही थी, अब में अपने कपड़े उतारने लगा था, तो तब तक उसने भी अपनी ब्रा खोल दी थी. अब वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी. अब में तुरंत उसके बूब्स को चूसने लगा था. एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया.


 

 है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई अब वो अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को अपने बूब्स पर दबा रही थी और उसके मुँह से अया, उूउउफ्फ नहीं की आवाजे आ रही थी. अब हम दोनों की पसीने की खुशबू से सारा कमरा महक रहा था, जो हमें और मदहोश कर रहा था. अब हम दोनों एक दूसरे को पूरी ताकत से जकड़ते जा रहे थे. फिर मैंने उसे अपने दोनों हाथों से उठाकर बेड पर लेटा दिया और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी. तो उसने तुरंत अपनी गांड ऊपर उठा ली. मेरे मित्रो मामा की लड़की की चुदाई में बड़ा मजा आया.


 

 मेरे मित्रगणों  कई बार जबरजस्ती शॉट मरने में चुत से खून निकल गया अब में अपनी उंगली आगे पीछे करने लगा था. अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. अब में उसके बूब्स को चूमते हुए उसके बगल को चाटने लगा था, जिससे उसकी उत्तेजना और बढ़ने लगी थी. अब ये सब उसके बर्दाश्त के बाहर हो रहा था तो तब उसने कहा कि अब और मत तड़पाओ, में झड़ने वाली हूँ और तभी उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, जो मेरी हथेली पर आ गिरा था जिसे में चाटने लगा था. अब उसने मेरे हाथों को पकड़ लिया था और वो उसे चाटने लगी थी. अब में उसके ऊपर लेट गया था. उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मेरे मित्रगणों  .


 

 उसकी बूब्स  देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी   अब हम दोनों के हाथ एक दूसरे के शरीर पर चूम रहे थे और हर अंग के साथ खेल रहे थे. अब मेरा लंड उसकी चूत को रगड़ रहा था, उसकी चूत पर हल्के-हल्के बाल थे जिस कारण उसकी चूत खुरदरी लग रही थी, जो मेरे लंड में और जोश भर रही थी. मेरे मित्रगणों  मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु .


 

 उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मेरे मित्रगणों  अब उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया था, जिस कारण मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर उसने मेरे लंड को अपनी चूत के छेद पर रखा, तो मैंने भी तुरंत एक धक्का मारा. अब उसकी चूत पहले से ही बहुत गीली हो गई थी, जिससे मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर जाने लगा था. अब उसके मुँह से अयायाम, सीईई की आवाज़ निकल पड़ी थी और उसने अपनी गांड को ऊपर उठा दिया था. अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था. अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मेरे मित्रगणों  .  


 

 मेरे मित्रगणों  मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार में थोड़ी देर तक ऐसे ही पड़ा रहा, लेकिन उसने अपनी गांड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया था. अब ये देखकर मेरी खुशी बढ़ती जा रही थी और में और जोश में आता जा रहा था. अब वो अपने पैरो से मेरी गांड को मारती थी और मैंने उसके हाथों को अपने हाथों से पकड़कर फैला दिया था और उसकी गर्दन के नीचे चूमता जा रहा था. उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मेरे मित्रगणों   जैसे उसके चुत में माखन भरा हो.


 

 उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मेरे मित्रगणों  अब हम धक्के पर धक्के लगाए जा रहे थे. अब मेरे लंड पर वो रस आ गया था, जो अत्यधिक उत्तेजना में आता है और उसकी चूत भी गीली थी, जिस कारण अब हम लोग पूरी तरह से चुदाई का मज़ा ले रहे थे. फिर करीब 15 मिनट तक यही सिलसिला चलता रहा और फिर उसकी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन में अपनी चरम सीमा पर नहीं पहुँचा था. अब वो निढाल हो गई थी और उसके मुँह से बस नहीं, हो गयययया ना की आवाज़े आने लगी थी. मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू    तब तक ठीक नहीं होता.
 

 एक बात और मेरे मित्रगणों  चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है अब मेरे मुँह से भी बससस्स थोड़ी देर और आअहह की आवाज़े निकल रही थी. फिर मेरा शरीर भी अकड़ने लगा और मेरे लंड ने वीर्य की एक धार छोड़ दी. अब उसके चेहरे पर तृप्ति का भाव आ गया था. फिर मेरे लंड से धार निकलने के बाद मैंने उसके गालों पर एक गहरा चुंबन लिया. अब मेरा लंड धीरे-धीरे छोटा होना शुरू हो गया था. फिर हम दोनों ने एक दूसरे की आँखो में देखा और मुस्कुराए और फिर से एक दूसरे को जकड़ लिया. फिर उसके बाद हमने एक दूसरे से वादा किया कि हम इस बारे में किसी को नहीं बताएँगे. मेरे मित्रगणों  मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था.

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