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बीवी का पहला मिलन

Posted on:- 2023-03-24


नमस्कार मेरे मित्रगणों  और सुनाइए कैसे आप सब , में आज आप सभी को पहली बार अपने जीवन की एक सच्ची घटना सुनाने जा रहा रहा हूँ वैसे मुझे चोदा पेली कहानियाँ पढ़ना और सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है और में बहुत सालों में बहुत सारी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ, वो मुझे बहुत अच्छी लगी और आज में उन कहानियों से प्रेरणा लेकर अपनी भी एक कहानी सुनाने जा रहा हूँ. दोस्तों अगर मुझसे इसमें कोई भी गलती हो जाए तो प्लीज मुझे माफ़ करना और अब में सीधा अपनी कहानी की तरफ बड़ता हूँ और थोड़ा बहुत अपना और अपनी पत्नी का आप सभी से परिचय करवा देता हूँ. अच्छा दोस्तों क्या आपने किसी लड़की को चोदा है सच्ची बताना.


दोस्तों मेरा नाम रवि चुताला  है. मेरी उम्र 24 साल है और मेरी शादी अभी एक साल पहले बरखा नाम की एक सीधी-साधी लड़की से हुई और हमारी शादी हमारे घरवालों की मर्जी से हुई थी इसलिए में और बरखा एक दूसरे से ज्यादा अच्छी तरह से परीचित नहीं थे और क्योंकि मुझे शादी के तुरंत बाद अपनी नौकरी के लिए हैदराबाद  जाना था इसलिए हमारी सुहागरात थोड़ी देर से मनी और शादी के करीब 15 दिन बाद मैंने बरखा को हैदराबाद  अपने पास बुलवा लिया और जब में उसे हैदराबाद  एरपोर्ट पर लेने पहुंचा तो में उसे देखता ही रह गया. वो काली कलर की साड़ी में बहुत ही खूबसूरत दिखाई दे रही थी. अच्छा दोस्तों गांड मरने का अपना अलग मजा है.


 आप लॉप ने कभी न कभी तो किसी न किसी की गांड मरी ही होगी  फिर हम दोनों कार में बैठकर मेरे घर की तरफ चल दिए और मेरी नज़र पूरे रास्ते में बार बार उसी पर जा रही थी और फिर घर पर आने के बाद वो थोड़ा सा आराम करके सीधा बाथरूम में नहाने चली गई, क्योंकि वो बहुत लंबे सफर से आई थी, जिसकी वजह से वो बहुत थक गई थी. फिर जब वो कुछ देर तक अंदर ही रही और नहाकर बाहर आने वाली थी तब मैंने खाने का ऑर्डर एक पास के रेस्टोरेंट में दे दिया और फिर वो नहाकर बाथरूम से बाहर एक हल्के पीले कलर के सिंपल से सूट में मेरे सामने आई तो वो उस सूट में बहुत सी सुंदर लग रही थी और उसका पूरा बदन पानी की छोटी छोटी बूंदों से भरा हुआ था. क्या दोस्तों आपने कभी भाभी को चोदा है कितना मजा आया बताना जरा.


 मोटी गांड वाली लड़कियों की बात ही कुछ और है उसके काले घने बालों से पानी की बूंदे टपक रही थी जो उसके सुंदर दिखने वाले जिस्म को और भी सुंदर बना रहा था. फिर हमने एक साथ बैठकर खाना खाया और खाना खाते हुए हमारी बातें शुरू हुई. दोस्तों उसकी आवाज़ में एक अजीब सी कशिश थी, जिसका में अब पूरी तरह से कायल हो चुका था और खाना खाने के बाद वो थोड़ी देर के लिए सो गयी और में अपने ऑफिस के कामों में लग गया. दोस्तों मैंने अपने ऑफिस से तीन दिन की छुट्टियाँ ले रखी थी, लेकिन फिर भी में अपना बचा हुआ थोड़ा सा ऑफिस का काम वहीं पर करने लगा. क्या गजब चुदकड़ अंदाज थी.


 लड़किया क्युआ गजब चुदकड़ होती है दोस्तों फिर वो शाम को 5 बजे उठी और मेरे पास आकर बैठ गयी. फिर मैंने उसकी तरफ देखा और अपना काम बंद कर दिया और फिर उससे उसकी पिछली जिन्दगी के बारे में पूछने लगा और वो मुझे बताती गई. दोस्तों वो मुझे बहुत ही दिल खुश लड़की लगी. फिर हम दोनों थोड़ी देर टहलने के लिए बाहर निकल पड़े और रात 8 बजे घर पर वापस आ गए. घर पर आने के बाद उसने मेरे और अपने लिए खाना बनाया और हम दोनों ने एक साथ में बैठकर खाना खाया. लेकिन दोस्तों वो कुछ ज़्यादा अच्छा खाना बनाना नहीं जानती थी तो जो भी था अच्छा था. खाना खाने के बाद हम अपने बेडरूम में चले गये. बरखा अभी भी उसी पीले कलर के सूट में थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी और हम दोनों एक बेड पर बैठे हुए थे, लेकिन दोनों बिल्कुल चुप थे. मेरे मित्रगणों  क्या मॉल थी उसकी चुची पीकर मजा आ गया.


 मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला  लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है फिर मैंने धीरे से उसका हाथ अपने हाथ में लिया तो वो थोड़ा सा शरमा गई और फिर मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और अब हम दोनों बिल्कुल चिपककर बैठे थे. फिर मैंने उसके गालो पर हल्का सा चुंबन लिया. वो हल्का सा मुस्कुराई और शरमाई भी और अब मैंने अपनी बाहें खोलकर उसे अपने सीने से लगा लिया. वो भी मेरे प्यार के नशे में मदहोश सी होकर मेरे सीने से सर लगाकर मेरी बाहों में सिमट सी गई और हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही बैठे रहे. फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया, इसकी वजह से उसकी साँसे अब धीरे धीरे गरम होने लगी और अब उसकी साँसो की गरमी मुझे अपने चेहरे पर महसूस होने लगी थी. मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों में पकड़ा और धीरे से अपने होंठो को उसके होंठो पर रख दिया. दोस्तों वो क्या ग़ज़ब का अहसास था? में आप सभी को शब्दों में नहीं बता सकता. फिर उसने भी अब मेरा साथ देते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया और अब उसके हाथ मेरे बालों को सहला रहे थे और मेरे हाथ उसकी पीठ को क्या दोस्तों आपने अपने बहन की चूची को दबाया है.
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 मेरे प्यारे दोस्तो चुची पिने का मजा ही कुछ और है अब मैंने अपनी जीभ को उसके होंठो के बीच में डाल दिया और कुछ देर के बाद उसने अपनी जीभ को पूरी तरह से मेरे होंठो को समर्पित कर दिया और एक दूसरे के जिस्म से लिपटे हुए हम दोनों फ्रेंच किस का आनंद ले रहे थे और बहुत देर तक हम एक दूसरे को किस करते रहे. फिर मैंने उसके सूट की डोरियों को खोलना शुरू कर दिया और उसकी गर्दन और कंधो को धीरे धीरे चूमते हुए उसका सूट उतार दिया. वो अब मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा में खड़ी हुई थी. ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना  लड खड़ा ही हो जायेगा .


 मेरे मित्रगणों  चुत छोड़ने के बाद सुस्ती सी आ जाती है     फिर उसने भी अब धीरे धीरे मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और मेरे सीने को चूमने लगी और मेरे हाथ भी उसकी छाती पर चलने लगे थे. फिर मैंने उसे बेड पर लेटाया और उसके ऊपर लेट गया और में अपने दोनों हाथों से उसके नरम नरम, लेकिन बड़े बड़े बूब्स को दबा और सहला रहा था और वो अपनी मस्ती में बिल्कुल चूर होकर बहुत ही चोदा पेली आहें भर रही थी. क्या बताऊ मेरे मित्रगणों   उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.


 मेरे मित्रगणों  मने बहुत सी भाभियाँ चोद राखी है अब उसने मेरी शर्ट को भी उतार दिया था और उसके नरम मुलायम हाथ मेरी पीठ पर मुझे एक अलग सा अहसास दे रहे थे और अब हम दोनों अपने अपने जोश की चरम सीमा पर थे. फिर मैंने उसके स्तनो को चूमना शुरू किया और उसकी ब्रा को कंधो से सरकाकर बिल्कुल नीचे कर दी और अब उसके दोनों स्तन बिल्कुल नंगे हो चुके थे, मेरी इस हरक़त से वो हल्का सा शरमा गयी. मेरे मित्रगणों  क्या मलाई वाला माल लग रहा था.    


 चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए फिर मैंने अपने होंठ उसके बूब्स पर चलाने शुरू कर दिए. मेरे ऐसा करने से बरखा अब धीरे धीरे और भी बहुत गरम होने लगी और ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आईईईईईईई प्लीज थोड़ा जल्दी करो उफ्फ्फ्फफ्फफ्फफ्. अब में उसके निप्पल को चूस रहा था और हल्के से बीच बीच में काट भी देता फिर मैंने धीरे धीरे उसके बूब्स को चूमते हुए उसके पेट को चूमना शुरू कर दिया और उसकी नाभी तक पहुँच गया और जैसे ही मैंने उसकी नाभी पर अपने होंठ रखे तो उसके मुहं से एक मीठी सी सिसकी निकली और फिर मैंने तभी उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. लेकिन मेरे ऐसा करते ही उसने अपने दोनों हाथ अपनी योनि पर रख लिए और वो हल्की हल्की सी आहें लेने लगी. फिर मैंने धीरे से उसके हाथों को योनि पर से हटाया और उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी योनि पर एक हल्का सा चुंबन लिया और अब उसकी योनि से बहते हुए पानी की वो खुशबू मुझे धीरे धीरे मदहोश कर रही थी और मैंने धीरे से उसकी सलवार को उसके जिस्म से अलग कर दिया. साथियो की पुराणी मॉल छोड़ने का मजा ही कुछ और है.


 अब सुनिए चुदाई की असली कहानी वो अब सिर्फ़ पेंटी में थी और अपनी दोनों आँखें बंद किए हुए मेरे सामने लेटी हुई थी. में उसके ऊपर से उठा और मैंने अपनी पेंट को उतार दिया. वो और में अब सिर्फ़ अंडरवियर में थे. उसकी साँसें बहुत तेज तेज चल रही थी तो में उसके पास में लेट गया और उसके कान में धीरे से बहुत प्यार से पूछा कि क्या तुम तैयार हो? और फिर उसने धीरे से मुस्कुराते हुए अपनी दोनों आँखें खोली और मुझे अपनी बाहों में भरते हुए अपनी हाँ में अपना सर हिला दिया. फिर मैंने अब धीरे से उसकी पेंटी और अपनी अंडरवियर को उतार दिया और अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और बरखा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में भर लिया था. मेरे मित्रगणों  एक बार चोदते  चोदते  मेरा लंड घिस गया.

 वहा का माहौल बहुत अच्छा था  मेरे मित्रगणों   हमारे एकदम नंगे जिस्म एक दूसरे से ऐसे लिपटे हुए थे जैसे कि दो सांप आपस में लिपट जाते है. फिर इसके बाद मैंने उसकी योनि पर एक किस किया और फिर बहुत देर तक लगातार करता रहा और अब उसके हाथ भी मेरे लिंग को ढूँडने लगे थे और जैसे ही उसके हाथ ने मेरे लिंग को छुआ तो उसने तेज़ी से अपना हाथ वापस पीछे की तरफ हटा लिया, लेकिन फिर से धीरे से आगे की तरफ हाथ बढ़ाकर वापस उसे पकड़ लिया. उसके पकड़ने से मेरा लिंग और कड़क हो गया और मेरे सारे जिस्म में एक अजीब सी सिहरन सी दौड़ पड़ी. फिर उसने थोड़ी देर तक मेरे लिंग को सहलाया और जब मुझे लगा कि वो संभोग करने के लिए बिल्कुल तैयार हो चुकी है तब मैंने अपना लिंग उसकी योनि के कोमल कोमल पंखुड़ियों जैसे होंठो के पास रख दिया मेरे मित्रगणों  उस लड़की मैंने चुत का खून निकल दिया.
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वहा जबरजस्त माल भी थी मेरे मित्रगणों   फिर मैंने जैसे ही लिंग को अंदर घुसाने के लिए हल्का सा ज़ोर लगाया तो लिंग वहां से फिसल गया, क्योंकि हम दोनों का यह पहली बार था और जब फिर से मेरे साथ ऐसा ही हुआ तो उसने खुद अपने एक हाथ से मेरे लिंग को अपनी योनि के मुहं पर पकड़कर रख लिया और मैंने जैसे ही ज़ोर लगाया. उसकी योनि हल्की सी खुली और मेरा लिंग थोड़ा सा अंदर चला गया. लेकिन जैसे ही लिंग, योनि के अंदर गया तो हम दोनों के मुख से हल्की सी दर्द भरी आह निकली. क्योंकि अभी तक लिंग ज़्यादा अंदर नहीं गया था इसलिए मैंने जल्दी ही दूसरा झटका लगाया जो थोड़ा तेज था और इस बार लिंग आधे से ज़्यादा अंदर चला गया. मेरे मित्रगणों  चोदते चोदते चुत का भोसड़ा बन गया.


 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मेरे मित्रगणों   तो मेरे झटका मारते ही बरखा की आँखों में पानी आ गया और वो दर्द से करहा उठी अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ आईईईईईई लेने लगी थी. वो मुझसे थोड़ा धीरे धीरे धक्के देने की गुहार करने लगी, क्योंकि इस बार उसकी झिल्ली फट चुकी थी इसलिए वो एकदम से अपने दर्द से तड़प उठी थी. उसने मुझे बहुत ज़ोर से पकड़ा हुआ था जिसकी वजह से उसके नाख़ून मेरे शरीर पर अपने निशान बनाने लगे थे. फिर मुझे अब अपने लिंग पर उसकी योनि की झिल्ली फटने की वजह से गरम खून का अनुभव होने लगा था और में अब एकदम से रुक गया और उसकी आँखों को चूमते हुए उसके आँसू को साफ किया और इसके बाद मैंने उसके होंठो को चूमा और फिर थोड़ी देर बाद जब वो ठीक हुई तो उसने अपने हाथ मेरी कमर पर लपेटते हुए मुझे आगे बढ़ने की अनुमति दी. मेरे मित्रगणों  एक बार मैंने अपने गांव के लड़की जबरजस्ती चोद दिया.


 उह क्या मॉल था मेरे मित्रगणों  गजब  फिर मैंने अपनी कमर को चलाना शुरू कर दिया और मेरा लिंग धीरे धीरे उसकी योनि में अंदर बाहर होने लगा था और मेरे कुछ झटको के बाद ही वो भी मदहोश सी होने लगी, उसका दर्द अब धीरे धीरे जा चुका था और वो अब कमसिन आवाज़ें निकाल रही थी. उसने अपने दोनों पैरों को मेरे ऊपर लपेट लिया था और हल्के हल्के से खुद भी नीचे से उठने लगी थी. फिर करीब 5 मिनट बाद उसकी आवाज़ें तेज होने लगी और उसका जिस्म अकड़ने लगा. मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मेरे मित्रगणों  .


 क्या बताऊ मेरे मित्रगणों  मैंने चुदाई हर लिमिट पार कर दिया तभी उसकी योनि ने अपने रस की फुहार से मेरे लिंग को भिगो दिया और उसके ऐसा करने के कुछ सेकण्ड बाद मेरे बदन में भी तेज उफान सा आया और लिंग बहुत कड़क हो गया. मेरी कमर तेज़ी से चलने लगी और मेरे लिंग ने अपना काम कर दिया और अब हम दोनों एकदम संतुष्ट हो चुके थे और इसके बाद में उसके जिस्म को चूमते चूमते कब सो गया मुझे पता ही नहीं चला और सुबह 8 बजे जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि बरखा वहां पर नहीं थी और में अभी भी नग्न अवस्था में ही था. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था .


 उसको देखकर  किसी का मन बिगड़ जाये  फिर मैंने उठकर अपने कपड़े पहने तभी बरखा टावल लपेटे हुए बाथरूम से बाहर निकली, पानी की बूँदें उसके चेहरे पर हीरो के समान चमक रही थी. फिर वो मुझे देखकर मुस्कुराई में उसके पास गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया इस बार उसने मुझे किस किया और फिर सीधा किचन में नाश्ता बनाने चली गयी. फिर हम दोनों ने एक साथ बैठकर नाश्ता किया और फिर हम दोनों बाहर घूमने निकल पड़े. उस दिन हम पूरा दिन घूमे फिल्म देखी और शाम के वक़्त केंडल डिनर किया. मेरे मित्रगणों  मैंने किसी भाभी को छोड़ा नहीं है.


 उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है दोस्तों यह थी मेरी कहानी. में और बरखा एक दूसरे से बहुत खुश है. हमारी शादीशुदा जिन्दगी में अब बहुत प्यार आ गया है जो हमें कभी भी एक दूसरे से जुदा नहीं होने देता और अब हम एक दूसरे की एक कमी सी बन चुके है. हम एक दूसरे को बहुत प्यार करते है. में उसको बहुत प्यार से उसकी मर्जी से चोदता हूँ, जिसकी वजह से वो मुझसे बहुत संतुष्ट है. मेरे मित्रगणों  एक बार स्कूल में चुदाई कर दिया बड़ा मजा आया मेरे मित्रगणों  चोदते  चोदते  कंडोम के चीथड़े मच गए एक बार मैंने अपने मौसी की लड़की को जबरजस्ती चोद दिया.

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