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सेक्सी भाभी का हरामी देवर

Posted on:- 2024-03-06


हैल्लो साथियों, मेरी  यह आप बीती कहानी सर्दियों की है, मेरे घर के बाहर एक विवाह घर बना है, जो किराए पर दिया गया था. सर्दी में अक्सर लोग रज़ाई में जल्दी सो जाते है, लेकिन जब जवानी चढ़ी हो और लंड कुंवारा हो तो नींद कहाँ आती है? रज़ाई में चुदाई करने का मन करता है और लंड भी अकड़कर तनकर सौ गालियाँ देता है कि भोसड़ी के एक चूत का इंतज़ाम भी नहीं कर पा रहे हो गांडू, हम लोग गुझिया औरत की चूत को कहते है, वाकई में दोनों टांगो के बीच में जब चड्डी को गोरी-गोरी मोटी मांसल जाँघो से नीचे सरकाओं, तो हल्के घुँगराली झांटो के नीचे पतली सी सोई-सोई चूत वाकई में खाने में मेवा भरी गुझिया या ये कहूँ मलाई सी मीठी लगती है.

में उन सर्दियों में काम से थक सा गया था और 22 साल की उम्र में मन कर रहा था कि थोड़ा हस्तमैथुन कर लूँ तो मन इसके बाद से काम में लगे. इसके बाद मन की बैचेनी को दबाने के लिए मैंने सिगरेट को अपने मुँह में लगाया और उसे सुलगने के लिए बाहर निकलकर आउट हाउस के पास टहलकर चला आया.

उस समय बाहर रात के सन्नाटे को चीरकर मुझे आउट हाउस की खिड़की के पास से बिस्तर पर पायल के खनकने और खटिया के चरमराने की आवाज आ रही थी, जिसने मेरा ध्यान अपनी और खींचा. अब मैंने अंदर से अपनी हरामी नजर और सेक्सी सोच के चलते जान लिया था कि अंदर भैया भाभी की चिकनी मक्खन सी लाजवाब, गुलाब की पंखुड़ियों सी नाज़ुक और कोमल रेशम सी मुलायम चूत को चोद रहे होंगे.

मैंने अपनी सिगरेट अपनी गांड पर बुझाइ और खिड़की के पास दबे पैर चला आया. वो खिड़की घर के अंदर पड़ती थी. इस कारण मेरे वहाँ आने और सर्दी के रात के कोई 12 बजने को थे, तो किसी के जागने का चान्स नहीं होता है. अब यही सोचकर मर्दों की मस्ती दोगुनी हो जाती है और जब चूत का माखन सामने हो तो चूत खाने की जल्दी में अक्सर आदमी गांडू पना कर जाता है. अब खिड़की का दरवाज़ा तिरछा लगा था और उस पर टावल लटका था, ताकि बाहर रोशनी ना जा सके.

अब बाहर अंधेरा होने से जाली के अंदर का खूबसूरत नज़ारा या ये कहूँ कि लाइव रोमांटिक फिल्म का नज़ारा मेरे सामने था. अब भैया भाभी को खूब किस कर रहे थे.

अब भाभी भी जवाब में अपने बदन को ऐंठ ऐंठ कर उन्हह  उन्हह  उन्हह कर रही थी और उनके होंठ पर अपनी गुलाबी जीभ फैर रही थी. अब भैया उनके ऊपर झुके थे और उनके नाईट गाउन के ऊपर से उनकी चूची सहला और दबा रहे थे. इसके बाद धीरे-धीरे भैया ने भाभी का गाउन उतार फेंका. अब भाभी की नंगी चूची उनके हाथ में थी और अपने होंठो में उनका काला मोटा निप्पल चूसकर भाभी की जवानी की आग को भड़का रहे थे. अब यह नज़ारा देखकर मेरा लंड तनने लगा था और मेरी साँसे तेज हो गयी थी. मैं लैंड की टोपी को दवाए खड़ा था.

इसके बाद में चुपचाप वहाँ मूर्ति बना खड़ा रहा. अब भैया भाभी की दोनों चूचीयाँ दबा-दबाकर मसाज कर रहे थे. उन्हें निप्पल से खास लगाव था, अब वो अपनी जीभ को लंबा करके उनके निप्पल पर गोल-गोल फैर रहे थे. अब भाभी को बहुत मज़ा आ रहा था. अब वो अपने मुँह से सी-सी, आह, आह, आह, वाह मेरे शेर की आवाजे निकाल रही थी.

भैया ने धीरे से उनका पैंटी खोला और नीचे किया. अब मुझे भैया की चड्डी के अंदर उनका लंड बड़ा होता साफ दिखाई दे रहा था. अब भाभी का पेटिकोट नीचे सरकते ही मज़ा दुगुना हो गया था, उनकी गोरी-गोरी, मोटी मांसल जांघे बहुत प्यारी लग रही थी. अब भैया उसे दबाकर पुचकारते जा रहे थे. इसके बाद उसके बाद जब भैया ने उनकी दोनों टांगो को फैलाया, तो में उनकी गुलाबी चूत को देखता ही रह गया. इसके बाद भैया जल्दी से उनके ऊपर चढ़े और अपना लंड अंदर बाहर करने लगे तो मैंने देखा कि भैया जल्दी ही झड़ गये थे और उनके लंड से सफेद पिचकारी निकली जबकि भाभी अभी और चुदाई चाह रही थी.

इसके बाद भैया के हटने पर मैंने देखा कि भाभी अपनी चूत की खुजली अपनी उंगली डालकर शांत कर रही थी. इसके बाद में वापस अपने कमरे में लौट आया, अब मुझे यह समझते देर नहीं लगी कि भाभी की जवानी प्यासी है और भैया अपने काम के बोझ में इतने दबे है कि थककर जल्दी सो जाते है. अब मेरे मन में 19 साल में ही अपने लंड की प्यास बुझाने का सामान नजर आ गया था.

अब बस भाभी को पटाने की देर थी कि किसी तरह से उनके मन में अपने लिए आकर्षण पैदा कर दूँ तो मुझे गुझिया (चूत) खाने को मिल सकती है. में अक्सर भाभी के काम कर दिया करता था. अब मेरी उनसे जान पहचान तो हो गयी थी, लेकिन अब चूत की चुदाई के लिए थोड़ी हिम्मत करनी थी. में जानता तो था ही की वो प्यासी है.

इसके बाद एक दिन भाभी ही बोली कि तुम्हारे भैया काम से 15 दिन के लिए बाहर जा रहे है, तो बस मैंने प्लान बना लिया कि कुछ भी हो जाए आज रात भाभी की ब्रा खोलकर उनकी चूची पीनी है और उनकी मक्खन सी मुलायम चूत में अपना लंड डालना है. इसके बाद मैंने उस दिन सुबह लुंगी पहनी और जानबूझकर अंडरवियर नहीं पहना. इसके बाद में सुबह देर तक सोने का बहाना बनाकर मेरे कमरे में ही लेटा रहा, मैंने जानबूझकर अपनी दोनों को थोड़ा फैला दिया था, ताकि जब भाभी मेरे कमरे में मुझे जगाने आए, तो वो मेरे लंड को देख सके. अब में उनके ही सपनों में खोया था कि मुझे उनके मेरे कमरे की तरफ आने की आवाज आ गयी.

अब उनके ख्याल आने से मेरे लंड में कड़कपन आ गया था और वो तनकर तंबू की तरह खड़ा था. इसके बाद भाभी जैसे ही मेरे कमरे में आई, तो मैंने अपनी आँखे बंद कर ली. इसके बाद वो मेरे पास आकर मुझे जगाकर बोली कि तो अब तुम जवान हो गये हो. तो मैंने तुरंत पूछा कि यह तुम्हें किसने बता दिया? तो वो मेरा लंड दबाते हुए बोली कि आज सुबह इसने ही बताया है और इसके बाद उन्होंने आँख मार दी. अब में समझ गया था कि मामला जम गया है तो मैंने तुरंत उनको अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उनके होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसने लगा.

अब वो स्नान कर आई थी, अब उनके जिस्म की खुशबू मुझे दीवाना बना रही थी. इसके बाद मैंने उनका ब्लाउज ऊपर से अच्छे से मसला और इसके बाद उसके बटन खोलने लगा. अब वो मेरा पूरा सहयोग कर रही थी. इसके बाद उनके ब्लाउज के बाद उनकी ब्रा खोलकर उनकी गोल-गोल मस्त चूचीयाँ अपने दोनों हाथों में भरकर मसाज करते हुए उनके निप्पल को पीने लगा, उनको पूरा चूमा चाटा. इसके बाद क्या था? अब हम दोनों को ही मजा आ रहा था.

इसके बाद मैंने उनकी नाभि में शक्कर डालकर चाटी और इसके बाद फ्रिज से कोल्डड्रिंक लाया और ठंडी कोल्डड्रिंक को उनकी नाभि में डालकर पिया, तो तब उनकी छाती में कुछ चैन आया. अब जवानी की आग भला ऐसे कैसे शांत होती? अब में उनका पेटिकोट फेंककर उनकी दोनों टाँगे फैलाकर उनकी चूत को अपनी दोनों उँगलियों से फैलाकर अपनी जीभ से लप-लप चाट रहा था, ऊपर से नीचे इसके बाद नीचे से ऊपर. अब में 8 मिनट तक मज़े से चाट रहा था. अब उनकी आँखों में नशा चढ़ रहा था और मेरा लंड भी गर्म रोड सा होकर चूत चोदने को बेताब था.

इसके बाद मैंने उनकी चूत के अंदर बाहर भी अपनी जीभ चलाई और साथ ही अपनी दोनों उंगलियाँ भी अंदर बाहर करता रहा. अब वो सी सी करने लगी थी, अब वो मेरे ऊपर लेट गयी थी और इसके बाद मेरे लंड की तरफ झुकी. अब उन्होंने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़कर अपनी जीभ बाहर निकालकर चाटना शुरू कर दिया था. अब में मस्त हो चला था, अब में जल्दी से अपना लंड अंदर करना चाहता था. अब वो अपनी दोनों टाँगे फैलाकर लेट गयी थी.

मैंने अपना लंड उनकी चूत पर हलके से थूक लगा कर धसाया वो फिसलता हुआ उनकी गर्म-गर्म चूत में दाखिल हो गया. इसके बाद 5 मिनट तक मैंने उनको जमकर चोदा और इसके बाद में झड़ गया. इसके बाद यह सिलसिला नहीं रुका और इसके बाद थोड़ी देर के बाद हम इसके बाद से लिपट गये और में उनकी कसी चूत की गहराई नापने में लग गया. इसके बाद उस दिन मैंने उन्हें 3 बार चोदा और तब से में अपनी सेक्सी भाभी का लाडला देवर बन गया हूँ. अब मेरी चुदाई से वो बहुत खुश है, आख़िर 22 साल का कड़क लंड जो था. भाभी अक्सर कहती है कि यह प्यास है बड़ी और यह चूत माँगे मोर. अब तो भाभी भी हर रात को हमसे चुदाई करा क्र खुस रहती है.

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