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गावं की आंटी की चूत और गांड

Posted on:- 2024-03-17


मेरा नमस्कार स्वीकार करे मेरे साथियो , मेरा नाम  विवेक  है और मेरे लंड का साईज़ 6 इंच है. मेरी गावं वाली आंटी का नाम शर्मिला  है और उनका फिगर 35-31-39 है, इससे ही आपको पता चल जाएगा कि वो कितनी चुदकड़  है? में फ़िरोज़ाबनाद  में रहता था, तब में बहुत सारी आंटीयों को पसंद करता था, लेकिन कभी किसी से बात नहीं कर पाया था. उसकी चूची क्या गजब लग रही थी मित्रों.

 उसकी चूची का उभार गगजब था   मित्रों  फिर जब हमारी छुट्टियाँ होती तो तब हमारी फेमिली गावं जाती, हमारे गावं में हमारा बड़ा घर है. हमारे पड़ोस में गावं के एक अंकल है, उनकी वाईफ शर्मिला  की उम्र 35 साल है फिर भी वो 30 साल की ही लगती है, वो एकदम चिकनी गोरी सी है अगर कोई उनकी गांड को एक बार देख ले तो बस उसमें ही घुसे रहने का मन करता है. उसकी बूब्स क्या मन को मचला रहे थे मित्रों 

मन कर रहा था उसकी चूची पकड़ कर पी जाऊ मित्रों  अब में जब भी गावं जाता तो शर्मिला  आंटी के साथ खेत में घूमता और बाज़ार भी जाता. अब वो भी मेरे गावं आने का इंतज़ार करती थी. अब में कभी खेत में उनके पीछे चलते हुए उनकी गांड को टच करता, तो वो कुछ नहीं बोलती थी. फिर एक दिन हमारे गावं में शादी थी तो तब मेरे घर के सब लोग वहाँ चले गये और मैंने मेरी तबीयत खराब है ऐसा बहाना बनाया, क्योंकि शर्मिला  भी नहीं जा रही थी. अब में बहुत खुश था और उसके घर से अंकल भी शादी में चले गये थे. फिर उसके बाद वो दिन भी आ ही गया. उसकी चूची क्या मुलायम  थी मित्रों

 उसकी चूची क्या कड़क थी मित्रों फिर शर्मिला  मेरे घर पर मेरी खबर पूछने आई, तो में सोने का नाटक करने लगा. अब मेरे पजामे में टेंट बना हुआ था. फिर शर्मिला  अंदर आई और अब में थोड़ी अपनी आँखे खुली रखकर सब देख रहा था. अब वो मेरे लंड को घूर रही थी और अब उसका चेहरा लाल पड़ गया था. फिर में अचानक से उठने की एक्टिंग करने लगा तो वो हड़बड़ा गई और फिर मैंने पूछा कि आप यहाँ. उसकी चूची पीते पीते तनकर लाल हो गयी

आंटी – हाँ बेटा में शादी में नहीं गई.

अब उनकी साँसे तेज़ चल रही थी.

में – ठीक है कोई बात नहीं मुझे भी कंपनी मिल जाएगी, वैसे भी में आपके लिए ही तो बीमार हुआ हूँ. (मैंने एक स्माइल दी)

आंटी – (हैरान होकर) मेरे लिए.

में – चलिए छोड़ो इस बात को, अब मुझे ठीक लग रहा है और फिर हम इधर उधर की बातें करने लगे.

फिर उतने में आंटी ने पूछा कि..

आंटी – तेरे कोई गर्लफ्रेंड है?

में – नहीं कोई मिलती ही नहीं है.

आंटी – क्यों तुम तो इतने अच्छे हो? फिर क्यों नहीं मिली?

में – पता नहीं, आप बन जाओ.

आंटी – मुस्कुराकर बोली में और में भला तेरी गर्लफ्रेंड बनकर क्या करूँगी?

में – आप बनिए तो सही.

 उसकी चुत का टेस्ट नमकीन और मादक था मित्रों बस चाटा जाओ आंटी – ठीक है, आज से में तेरी गर्लफ्रेंड हूँ और वैसे अब मुझे तेरी गर्लफ्रेंड बनाकर क्या करेगा? और एक चुदकड़  स्माइल दे दी. उसकी बूर मदमस्त हो गयी मित्रों उह उह उह उह 

 फिर मैंने उनका हाथ पकड़ा और उनको किस किया और कहा कि आप क्या करवाओगी?

आंटी – में तेरी गर्लफ्रेंड हूँ तू जो चाहे वो कर ले.

 और क्या बताऊ मित्रों मैंने बहुत सी कमसीन जवान और मदमस्त लड़कियों की बूर में चुदाई किया है काफी मजा किया फिर उसके बाद मैंने आंटी को कसकर पीछे से पकड़ा. अब मेरा खड़ा लंड उनकी गांड पर ज़ोर से उनके कपड़ो के ऊपर से घुसने लगा था और मेरे हाथों से उनके बूब्स दबने लगे थे और में अपने मुँह से उनको किस करने लगा था. अब वो आहे भर रही थी, अब आह आहहह की आवाज़ पूरे रूम में गूँज रही थी. वहा जबरजस्त माल भी थी मित्रों

 ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मित्रों फिर मैंने उनको सीधा किया और उनके गुलाबी होंठो को जोर-ज़ोर से चूसने लगा. अब वो भी मेरे मुँह में अपनी जीभ डालकर मेरा साथ दे रही थी. अब हम एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे, अब वो गर्म हो गयी थी. फिर 15 मिनट तक ऐसे ही किस करने के बाद मैंने उनकी साड़ी और ब्लाउज, पेटिकोट निकाल दिया. अब उनका चिकना जिस्म बस काली ब्रा-पेंटी में बंद था. फिर मैंने उनकी ब्रा भी निकाल दी और ज़ोर-जोर से उनके बूब्स दबाने और चूसने लगा. उह क्या मॉल था मित्रों गजब

 मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मित्रों अब वो मेरे सिर को अपने बूब्स पर दबा रही थी और सिसकारी भर रही थी. फिर मैंने उनकी पेंटी भी निकाल दी, अब में तो पागल हो गया था, उनकी चूत एकदम गुलाबी थी और हल्के हल्के बालों वाली थी. अब में तो उनकी चूत पर पागलों की तरह टूट पड़ा और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा था. कुछ भी  हो माल एक जबरजस्त था एक बात और मित्रों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है मित्रों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के लड़की  को बिना पैंटी के देखा था  वाह क्या मजा आया था

अब वो भी मेरा मुँह अंदर घुसाने लगी थी और ज़ोर-ज़ोर से सिसकारी लेते हुए बोलने लगी आहहह घुस जा मेरी चूत में सस्शह, फाड़ डाल इसे चाट-चाटकर. अब यह सब सुनकर मुझे और जोश आया और में अपनी जीभ से उनको चोदने लगा और फिर उनका पानी निकल गया और में वो सारा पानी पी गया और उनकी चूत चाटकर साफ कर दी.

अब में भी पूरा नंगा हो गया, तो उन्होने मेरा लंड देखा और मुस्कुराई और बोली कि हाए तेरा कितना बड़ा है? और अपने हाथ में पकड़ लिया. अब वो मेरे लंड को हिलाने लगी थी तो मैंने उससे कहा कि अब चूसो भी तो वो अपने घुटनों के बल बैठकर लॉलीपोप की तरह मेरा लंड चूसने लगी. अब मुझे क्या मज़ा आ रहा था? बस वो वक्त वहीं रुक जाता. अब में आंटी के मुँह को चोदने लगा था और बाद में ज़ोर-ज़ोर से शॉट मारने लगा था, तो वो गमम्मम घम्‍मम करके छूटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उनका सिर पकड़ा हुआ था. अब में झड़ने वाला था तो मैंने उनके मुँह में ही सारा रस छोड़ दिया और वो मेरा सारा रस पी गयी. अब वो मेरा लंड बाहर निकालकर हिलाने लगी और अपने मुँह में लेने लगी थी. अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था, फिर वो बोली कि अब मेरी चूत फाड़ दे.. अब सब्र नहीं होता है फिर तो मैंने उनको सीधा लेटा दिया और उनकी चूत पर अपना लंड रखकर धीरे से धक्का दिया, तो मेरा सुपाड़ा अंदर घुस गया और वो सस्सस्स आआआअ आहह करने लगी, इससे में और जोश में आ गया.

फिर मैंने दूसरा ज़ोर से धक्का मारा तो मेरा पूरा लंड अंदर चला गया और वो चिल्ला उठी और कहने लगी कि भडवे धीरे नहीं कर सकता था. फिर मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रखे और चूसने लगा और नीचे से धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा. अब वो बोले जा रही थी हाईईईई चोद डाल मुझे आईई सस्स्सास आअहह, फाड़ दे मेरी चूत आअहह, वाहह मेरा राजा और तेज़्ज़्ज़्ज़ कर आहहहह ऐसे ही करता रहे.

अब में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था, फिर में उसकी चूत में ही झड़ गया, अब में उसके ऊपर लेटकर उसे चूस रहा था. फिर में बोला कि वाह आंटी मज़ा आ गया, अब मुझे उनकी गांड भी मारनी थी तो मैंने उनसे कहा कि डॉगी स्टाइल में खड़े हो जाइये तो वो कुत्तिया की तरह खड़ी हो गयी, फिर मैंने उनकी गांड के छेद को सूंघा और किस किया तो वो बोली कि वाउ मज़ा आ रहा है. अब मैंने मेरा पूरा मुँह उनकी गांड में घुसा दिया था. अब वो मज़े ले रही थी और चिल्ला रही थी आहह वाहह मेरी गांड के गुलाम, वाअहह चाट और चाट.

अब मैंने उसकी गांड चाट-चाटकर मेरे थूक से गीली कर दी थी. अब मेरा लंड भी खड़ा हो गया था, फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसाने की कोशिश की, लेकिन मेरा लंड उसकी गांड में नहीं जा रहा था.

फिर मैंने अपना और थूक उसकी गांड पर लगाया और ज़ोर से एक धक्का मारा तो मेरा सुपाड़ा उसकी गांड के अंदर घुस गया. अब आंटी चिल्लाने लगी थी आह निकालो आईई. फिर मैंने कहा कि प्लीज आंटी थोड़ी देर रुक जाओ, आपको भी मज़ा आएगा और मैंने फिर से एक झटका ज़ोर से मारा तो आंटी चिल्ला उठी आह में मर गयी ससस्स निकाल इसे, लेकिन मैंने उन्हें अनसुना करते हुए अपने धक्के चालू रखे.

फिर थोड़ी देर में आंटी को भी मज़ा आने लगा और अब वो भी उछल-उछलकर अपनी गांड मेरे लंड पर पटकने लगी और बोलने लगी कि वाअहह मेरे राजा आहह मज़ा आ गया और जोर से करता जा.

फिर मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और अब उसकी चूत रस छोड़ने लगी थी. फिर मैंने अपने धक्के चालू रखे, अब में भी झड़ने वाला था. फिर मैंने आंटी से कहा कि क्या करूँ? तो उन्होने कहा कि मेरी गांड में ही झड़ जा तो फिर मैंने एक ज़ोर का शॉट मारा और उनकी गांड में ही झड़ गया और आंटी के ऊपर ही पीछे से सो गया और उनकी पीठ चाटता रहा. अब शाम होने वाली थी और सब लोग भी आने वाले थे. फिर हमने अपने-अपने कपड़े पहने और फिर नाश्ता किया. अब मुझे जब भी मौका मिलता है तो में उनको बहुत चोदता हूँ.

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