नमस्कार मेरे प्यारे साथियो कैसे है आप सब.. मेरा नाम स्रवण कुमार है और मैं उत्तराखंड का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 26 साल और मेरा हाईट 6.5 और रंग गोरा है. दोस्तों मैं बहुत सारी चुदकड़ और लंड का पानी निकाल देने वाली कहानियाँ पढ़ चुका हूँ और यह सब मुझे बहुत पसंद आई. तो अब मैं अपना पहला सेक्स अनुभव लिख रहा हूँ.. तो अब आपको ज्यादा बोर नहीं करते हुए मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ. दोस्तों यह बात अभी से कुछ महीने पहले की है. मैं एक नये घर मैं किरायेदार बनकर रह रहा था और मेरी मकान मालिक जो नीचे रहती और मैं ऊपर रहता था.. उनकी उम्र 35 साल होगी और उनके पति जो कि एक राजनेता थे और उनको अक्सर काम के सिलसिले मैं बाहर रहना पड़ता था और आंटी हमेशा अकेली रहती थी. तो इस दौरान मेरी उनसे बहुत अच्छी ख़ासी दोस्ती हो गई थी और हर कभी बाहर आते जाते हम एक दूसरे से बातचीत कर लेते थे.. लेकिन कभी मेरे दिमाग मैं उनके लिए कोई ग़लत सोच नहीं आई लेकिन वो दिखने मैं बहुत चुदकड़ लगती थी. उनकी बड़ी बड़ी गोल गोल गांड और उनके बड़े बूब्स.. उनका फिगर करीब 33-36-34 होगा और वो बहुत चुदकड़ दिखती थी.. लेकिन वो थोड़ी मोटी औरत है और मुझे मोटी औरत बहुत पसंद थी. अब चुदाई करने को १००% तैयार थी.
अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मित्रों मै पागल सा हो गया तो यह बात उस समय की है जब उत्तराखंड मैं बहुत गर्मी थी और अंकल उनके कुछ जरूरी काम से 10 दिन के लिए बाहर टूर पर गए हुए थे.. अब तो आंटी घर पर सिर्फ़ अकेली थी. फिर जब उस रात को मैं घर पर आया तो वो मुझसे पूछने लगी कि क्या मैं आज उनके घर खाना खा सकता हूँ? तो मैंने भी मना नहीं किया और हाँ कर दी और फिर रात को उनके घर पर खाने पर चला गया. फिर रात को मैंने जब उनकी डोर बेल बजाई तो उन्होंने दरवाजा खोला और मेरा दिमाग उन्हें देखकर खराब हो गया.. उन्होंने एक पारदर्शी गाऊन पहना था जिसमैं से उनके बूब्स साफ साफ दिख रहे थे और दोस्तों बताऊँ क्या मस्त लग रही थी? बहुत ही ज्यादा चुदकड़.. उनकी वो बड़ी बड़ी गांड और उनके वो बड़े बड़े बूब्स मैं तो देखकर पागल ही हो गया. फिर हम अंदर गये और हम लोगों ने एक साथ बैठकर खाना खाया और मैं खाना खाने के बीच चोरी छिपे उनके बूब्स को थोड़ा थोड़ा देख रहा था. ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मित्रों .
मॉल था चुदाई के लायक तो शायद उन्हें यह बात पता चल गई थी और तभी उन्होंने बोला कि क्या देख रहे हो? लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा और उन्होंने थोड़ी देर के बाद फिर से कहा कि आज मैं घर पर अकेली हूँ तो अगर आप आज ..मैंने सोचा पेलुँगा जरूर कभी न कभी रात मेरे साथ रह जाएँगे तो मुझे डर नहीं लगेगा. फिर यह बात सुनते ही तो मेरी जैसे किस्मत ही खुल गई और मैं तो यह बात सुनकर पागल सा हो गया. फिर मैंने पहले जानबूझ कर ना कहा.. तो उनके बार बार कहने पर मैंने हाँ कहा और फिर मैं रात को उनके घर सोने गया और बैठकर ऐसे ही बातें करने लगे इस बीच बात करते करते उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या? तो मैंने कह दिया कि नहीं. तो उन्होंने पूछा कि क्यों? फिर मैंने कहा कि मुझे आज तक मेरी पसंद की लड़की नहीं मिली. फिर हम एक दूसरे से ऐसे ही बात कर रहे थे और टीवी देख रहे थे. तभी अचानक टीवी मैं एक चुदकड़ हॉट सीन आया और वहाँ पर वो हॉट सीन देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और शायद आंटी ने वो नोटीस कर लिया. फिर उन्होंने कहा कि चलो हम सोते है मुझे नींद आ रही है और यह कहकर आंटी अपने रूम मैं जाकर सोने लगी. माल चुदाई के लिए तड़प रही थी मित्रों .
जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं चोदना चाहेगा है न मित्रों जब मैं वहाँ पर सोफे पर सोने वाला था तो उन्होंने कहा कि अगर मैं सोफे पर सोऊंगा तो उनके रूम पर कौन सोएगा और उन्हे अकेले सोने मैं बहुत डर लगता है. फिर मैं राज़ी हो गया और हम लोग उनके कमरे मैं सोने लगे.. मैं नीचे जमीन पर सो गया और वो ऊपर बेड पर सोई हुई थी. फिर रात गुज़री और मुझे हल्की सी नींद आ गई थी और मेरी आँख बंद हो गई थी. तभी मुझे कुछ एहसास हुआ जैसे कि कोई मेरे लंड को पकड़ रहा है और जैसे ही मैंने अपनी आंख खोली तो मेरा दिमाग़ खराब हो गया.. आंटी ने मेरी पेंट की चैन को खोल दिया और मेरे मोटे लंड को अपने हाथ मैं लेकर देख रही थी और मुझे भी देख रही थी कि कहीं मैं जगा तो नहीं. फिर मैं सोने की एक्टिंग कर रहा था और कुछ देर बाद आंटी ने अपने हाथ मैं लंड लेने के बाद उसे अपने मुहं मैं भर लिया. तभी मेरे सारे बदन पर जैसे कि कोई करंट दौड़ा गया. वो क्या अहसास था यारों.. पूछो मत और बीच बीच मैं वो मुझे देख रही थी. वाह क्या नजारा था? आंटी मेरे लंड को चूस रही थी तो लंड और बड़ा हो गया और मुझसे अब कंट्रोल नहीं हो रहा था और आंटी भी मेरा 7 इंच के लंड को देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी और मुस्कुरा रही थी. चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा आया .
सेक्स करते समय बहुत मजा आया था मित्रों तभी अचानक मैं सीधा ही उठाकर बैठ गया.. यह देखकर आंटी घबरा गयी और मुझसे कहने लगी कि मैं बहुत दिन से प्यासी हूँ.. तुम्हारे अंकल मुझे कभी चोदते ही नहीं. प्लीज तू आज मुझे चोद तेरा यह रसीला लंड देखकर मैं अब कंट्रोल नहीं कर सकती. तभी यह बात सुनते ही मैं उनके ऊपर टूट पड़ा और उनको किस करने लगा.. हमने लगभग 15 मिनट किस करने के बाद उसने मुझे 69 पोज़िशन मैं आने को कहा और वो मेरे लंड को सहला रही थी और मैं उनके पेटिकोट को ऊपर करके उनकी पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को . .उसके ओठ रसीले थे मित्रों मॉल गजब था मित्रों सूंघने लगा.. क्या खुश्बू थी क्या रसीली खुश्बू जैसे अभी वो सेंट लगाकर आई है. फिर उन्होंने भी मेरे लंड को बहुत देर तक चूसा और फिर हम खड़े हो गए और वो कहने लगी कि क्या लंड है तेरा बहुत बड़ा और बहुत मस्त. तू प्लीज उसे मेरी गांड मैं डाल.. मुझे तुझसे गांड मरवानी है. फिर यह बात सुनकर मैं भी कहाँ रुकने वाला था.. फिर मैंने उन्हे घोड़ी बनने को कहा और एक तेल की बोतल लाया और थोड़ा सा उनकी गांड पर और थोड़ा मेरे लंड पर लगाकर लंड को गांड पर सेट किया और एक धीरे से धक्का दिया. तभी थोड़ा सा लंड गांड के अंदर गया और आंटी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी उईइ माँ मर गई.. थोड़ा धीरे धीरे डालो बहुत दर्द हो रहा है. उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही मित्रों.
मित्रों वो मदहोस थी चुदाई के लिए फिर मैं धीरे धीरे अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और वो चुदाई का मजा लेने लगी. फिर जब उनका दर्द थोड़ा कम हुआ तो वो कहने लगी कि चोद मेरे राज़ा.. आज मेरी गांड फाड़ दे और मुझे जोश आ गया और मैं ज़ोर ज़ोर के धक्के देकर पूरा लंड अंदर बाहर करने लगा. फिर जैसे ही मैंने पूरा लंड ज़ोर के धक्के के साथ उनकी गांड के अंदर बाहर किया वो ज़ोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी कि और ज़ोर से मुझे चोद और चोद. तो मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी और फिर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा.. उन्होंने भी अपना साथ देते हुए अपनी गांड को भी हिलाना शुरू कर दिया. लगभग 35 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उनकी गांड मैं ही अपना माल छोड़ दिया और उनके ऊपर लेटा रहा. कुछ देर के बाद उन्होंने मुझे एक लिप किस किया और मैं उनके बूब्स को चूसने लगा. थोड़ी देर बाद वो अपना हाथ मेरे लंड पर रखकर उसे सहलाने लगी और फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया और अब वो सीधी होकर अपने दोनों पैरों को फैलाकर लेट गई और मुझे एक बार फिर से चोदने को कहा. उसके बूब्स क्या मस्त थे मित्रों अब मै क्या कहु मित्रों.
मेरा मन चुदाई का था मित्रों मैंने भी उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उनकी चूत को बेड से थोड़ा ऊपर उठाया.. अपना लंड चूत के मुहं पर रखा और एक ज़ोर का धक्का दिया. तभी लंड फिसलकर चूत की गहराइयों मैं चला गया.. क्योंकि चूत पहले से ही बहुत गीली हो चुकी थी और मैं पूरा लंड डालकर चोदने लगा. क्या चूत थी यार.. बहुत ही साफ जैसे उसने आज ही चूत को साफ किया हो.. मैं तो पागल हो रहा था और आंटी ने भी मेरा साथ देते हुए वो भी पागल हो रही थी और वो उम्म उफ्फ्फ अह्ह्ह इईईई उफ्फ्फ्फ़ छप छप पूरे रूम से आवाज आ रही थी. मैंने उस दिन उनको बहुत सी नई नई स्टाईल से चोदा. कभी मैंने उनको किचन मैं चोदा तो कभी उनके रूम मैं. मैंने उस रात उनको 5 बार चोदा और सुबह के समय भी मैंने उनको एक बार और चोदा. अब तो मुझे जब भी समय मिलता है मैं उन्हें चोदता हूँ और हम रोज़ रात को सेक्स करते है और कभी कभी दिन मैं भी अगर टाईम मिले तो मैं उनके रूम मैं आकर उनकी चुदाई कर आता हूँ. मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे और मैंने अपने गांव के किसी भी औरत और छोड़ा नहीं है जो नहीं मानती थी उनके साथ जबरजस्ती .चोदा पेली किया हु सोचिये मैं ऐसा हरामी चोदूबीर आदमी हु मित्रों और क्या बताऊ मित्रों मैंने बहुत सी कमसीन जवान और मदमस्त लड़कियों की बूर में चुदाई किया है काफी मजा किया.