क्या हल चल मेरे साथियो कैसे है आप सब अभी तो मैं 24 वर्ष का हो गया हूँ और अपने फेमली के साथ दिल्ली की एक कॉलोनी में रहता हूँ पर यह घटना मेरे जीवन में लगभग तीन वर्ष पहले घटी थी जब मैं 23 वर्ष का था। हमारे कमरे के साथ वाले कमरे में एक फेमली रहता है जिसमे एक बहुत ही सुन्दर आंटी सिर्फ अपने पति के साथ रहती हैं। मै एक नंबर का आवारा चोदा पेली करने वाला लड़का हु मुझे लड़किया चोदना अच्छा लगता है.
ये कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा नहीं हुआ तो बताना लड खड़ा ही हो जायेगा उन आंटी के रंग, रूप और उसके शरीर की सुन्दर बनावट को देख कर मैं उनकी ओर बहुत ही आकर्षित होने लगा था और दिन रात उनके सपने देखता रहता था! क्या बताऊ दोस्तों उसको देखकर किसी लैंड टाइट हो जाये.
दोस्तों क्या मलाई वाला माल लग रहा था मुझे हमेशा उनके साथ सहवास करने की इच्छा करती रहती थी और प्रतिदिन मैं उन्हीं का नाम ले कर हस्तमैथुन भी करता था।.
चुदाई की कहानी जरूर सुनना चाहिए मजे के लिए मुझे जब भी कभी अवसर मिलता था मैं खिड़की में से उन आंटी के घर में झांक कर उसे देखता रहता था। कभी कभी तो मुझे ऐसा आभास होने लगाता था कि आंटी भी जानती थी कि मैं उन पर नज़र रखता हूँ! क्योंकि जब मैं उनके घर में झांकता था तब वे अपने शरीर को कुछ ऐसे आड़ा-तिरछा कर के या फिर झुक कर, मुझे अपने किसी न किसी अंग का दर्शन करा देती थी कि मैं कभी कभी तो उत्तेजना की चरमसीमा तक पहुँच जाता था! अब सुनिए चुदाई की असली कहानी.
वहा का माहौल बहुत अच्छा था मित्रों आंटी की इन हरकतों से मुझे अंदेशा होने लगा था कि शायद वे भी चाहती थी कि मैं इस झाँका झांकी से कुछ आगे बढ़ कर उसके साथ कुछ करूँ! वहा जबरजस्त माल भी थी मित्रों
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मेरा मन तो बहुत करता था कि मैं आगे बढूँ लेकिन डर भी लगता था कि कहीं वह मेरी मम्मी से मेरी शिकायत न कर दें!
एक दिन दोपहर को मैंने थोड़ी हिम्मत जुटाई और मम्मी से एक झूठा बहाना बना कर मैं आंटी के घर चला गया और उन्हें पुकारा। क्योंकि वह बाथरूम में नहा रही थी इसलिए उन्होंने मुझे कुछ देर प्रतीक्षा करने को कहा- मैं नहा रही हूँ, तुम रुको !! ऐसे माहौल कौन नहीं रहना चाहेगा मित्रों
उह क्या मॉल था मित्रों गजब मैं बाहर आँगन में उनकी प्रतीक्षा कर रहा था, तभी कपड़े सुखाने वाली तार पर मैंने आंटी की ब्रा एवं पैंटी देखी। मैं अपने आपको रोक नहीं सका, मैं आंटी की पैंटी को उठा कर सूंघने लगा। मेरा तो मन ही ख़राब हो जाता था मित्रों
कुछ भी हो माल एक जबरजस्त था उसी समय आंटी बाथरूम से बाहर निकली और उन्होंने मुझे ऐसा करते देख लिया था! उसको देखकर किसी का मन बिगड़ जाये
उह भाई साहब की माल है उसकी चुत की बात ही कुछ और है आंटी तुरंत मेरे पास आई और चिल्लाते हुए मुझसे पूछा- साहिल, यह क्या कर रहे हो तुम?
ओह्ह उसके यह का चुम्बन की तो बात अलग है मेरी तो जैसे जान ही निकल गई, लेकिन मैंने अपने को सम्भालते और हकलाते हुए कहा- कु.. कु.. कुछ नहीं आं.. आं… आंटी, बस यह हवा के झोंके से नीचे गिर गई थी इसलिए इसे उठा कर ऊपर रख रहा था। है उसके गांड मेरा मतलब तरबूज क्या गजब भाई
मेरा उत्तर सुनकर आंटी आँख दिखाते हुए बोली- मुझे मत सिखाओ, मैंने सब अपनी आँखों से देखा है कि तुम मेरी कच्छी को सूंघ रहे थे !
मैंने कहा- आंटी, बस वो !
आंटी चिल्लाई- क्या वो… ठहरो, मैं अभी तुम्हारी मम्मी से बताती हूँ कि तुम क्या कर रहे थे।
मैं बहुत डर गया था इसलिए मैंने आगे बढ़ कर आंटी के पैर पकड़े तथा उनसे क्षमा भी मांगी पर आंटी ने कोई जवाब नहीं दिया।
उनके चेहरे के रोष को देख कर मैं और भी अधिक घबरा गया तथा मम्मी-पापा के हाथों होने वाली पिटाई के बारे में सोचने लगा।
तभी आंटी थोड़ी मुस्कराई और फिर मेरी रोनी सूरत को देखते हुए जोर जोर से हंसने लगी !
उसका भोसड़ा का छेड़ गजब का था मित्रों मैं अचंभित होकर उन्हें देखते हुए सोचने लगा कि अभी तो आंटी बहुत डांट रही थी और अब एकदम हंसने लगी हैं! कहीं पागल तो नहीं हो गई जो इतनी जोर से हंस रही हैं!
उसकी बूब्स देखते ही उसको पिने की इच्छा हो गयी फिर उन्होंने मेरे पास आकर कहा- अगर तुम मेरा एक काम करोगे, तभी मैं तुम्हें माफ़ कर सकती हूँ!
मैंने झट से पूछा- क्या काम है?
मित्रों मै सबसे पहले उसकी गांड मरना चाहता हु तब आंटी ने बोला- अभी मैं बाथरूम में फिसल कर गिर गई थी जिससे मुझे थोड़ी चोट लगी है और मेरी कमर में मोच भी आ गई है! तुम्हें उस पर तेल से मालिश करनी होगी! उसको पेलने की इच्छा दिनों से है मित्रों
शिकायत से बचने के लिए मेरे पास और कोई चारा भी नहीं बचा था इसलिए मैंने तुरंत हाँ कर दी!
अच्छा चुदाई चाहे जितनी कर साला फिर भी लैंड नहीं मनता मित्रों मेरे हाँ कहने पर आंटी थोड़ा मुस्कराई और फिर आगे बढ़ कर मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने बेडरूम में ले गई।
मित्रों मेरा तो मानना है जब भी चुत मारनी हो बिना कंडोम के ही मारो तभी ठीक नहीं सब बेकार वहाँ उन्होंने ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी निकाल कर मेरे हाथ में रख दी और खुद अपने कमीज़ उतार कर बैड पर उल्टी होकर लेट गई!
मैं चुपचाप तेल की शीशी में से अपने हाथ में थोड़ा तेल ले कर आंटी की कमर की मालिश करने लग।
उसके बूर की गहराई में जाने के बाद क्या मजा आया मित्रों जैसे उसके चुत में माखन भरा हो आंटी को मालिश से कुछ आराम मिल रहा था इसलिए वह खुश थी और बोली- तुम तो बहुत अच्छी मालिश करते हो! क्या तुमने इसकी कोई ट्रेनिंग ली है?
मैंने उत्तर दिया- जी हाँ, मैंने कॉलेज में फर्स्ट-ऐड का कोर्स किया था!
आंटी बोली- फिर तो तुम मेरी कमर के नीचे हो रहे दर्द पर भी मालिश कर दो!
उसको देखने बाद साला चुदाई भूत सवार हो जाता मित्रों और अपने नितम्बों के बीच में हाथ लगते हुए उन्होंने कहा- जब गिरी थी तब यहाँ पर भी लगी थी और अब भी दर्द हो रहा है!
आंटी ने अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर उसको नीचे कर दिया, पैंटी न पहने होने के कारण उनके नग्न नितम्ब मालिश के लिए मेरे सामने थे!
मैं धीरे धीरे उनके नितम्बों के उपर तेल की मालिश करने लगा तब वह बोली- यहाँ नहीं, दोनों कूल्हों के बीच में नीचे की ओर दर्द हो रहा है, वहाँ पर अच्छी तरह से मालिश कर दो!
उनके कहे अनुसार मैंने तेल वाले हाथ उनके नितम्बों के बीच में नीचे की ओर डालने लगा तब आंटी ने कहा- हाँ, यहीं पर अन्दर की ओर!
तथा अपनी दोनों टांगें चौड़ी कर दी ताकि वहाँ की मालिश अच्छे से हो सके!
मुझे तो कभी कभी चुदाई का टाइफिड बुखार हो जाता है और जब तक चुदाई न करू तब तक ठीक नहीं होता उनके ऐसा करने से मुझे भी मालिश करने में आसानी हो गई और मैंने उनकी गांड और उसके आस पास तेल लगा कर मालिश करने लगा।
एक बात और मित्रों चुत को चोदते समय साला पता नहीं क्यों नशा सा हो जाता बस चुदाई ही दिखती है कभी कभी मेरा हाथ फिसल कर कुछ ज्यादा नीचे उनकी चूत तक चला जाता और मेरी उंगलियाँ उसे छू जाती तब आंटी सिसकारी लेने लगती !
उह यह उसकी नशीली आँखे में एक दम चुदकड़ अंदाज है शायद मेरा ऐसा करने से उन्हें कुछ अधिक मज़ा आने लगा इसलिए वह दस मिनट तक चुपचाप लेटी रही और मुझे अपनी गांड के आस पास की मालिश करने दी!
मैं भी बड़े मजे से तेल लगाता रहा था और उनकी चौड़ी टांगों के बीच में से उनकी चूत को निहारते हुए सोचा- पता नहीं कब मेरा खड़ा लण्ड उस ज्वालामुखी मे जाएगा!”
मित्रों देखने से लगता है की वो पका चोदा पेली का काम करती होगी मैं अपने खड़े लण्ड से भी बहुत परेशान हो रहा था क्योंकि वह बार बार आंटी की जाँघों से टकरा रहा था ! हाथों में तेल लगे होने के कारण मैं उसे ठीक से अपने लोअर के अन्दर सेट नहीं कर पा रहा था और मैं डर रहा था कि कहीं आंटी को बुरा नहीं लग जाए ! मित्रों चुत को चाटेने के समय उसके बूर के बाल मुँह में आ रहे थे
मुझे अपने पर खीज और गुस्सा भी आ रहा था कि मैंने मालिश के लिए हाँ क्यों कही थी!
तभी आंटी ने मुझे कहा- तुम तो अब बहुत बड़े हो गए हो?
मुझे खीज तो हो ही रही थी इसलिए मैंने भी गुस्से में बोल दिया- मेरा वह भी बड़ा हो गया है।
यह सुनते ही आंटी बोली- उसी का तो जायजा लेने के लिए यह नाटक कर रही हूँ!
उनके मुख से यह नाटक शब्द सुन कर मेरा गुस्सा हवा हो गया और मुझ पर वासना ने आक्रमण कर दिया।
मित्रों मुझे तो कभी कभी चुत के दर्शन मात्र से खूब मजा आता क्योकि मई पहले बहुत बार अपने मौसी के उस वासना की वजह ने मेरा लण्ड और भी सख्त हो गया और मुझे लगने लगा था कि कुछ ही देर में उसकी सारी नसें फट जायेंगी। मैंने अपने शरीर को आंटी के शरीर के साथ सटा दिया और लोअर के अन्दर से ही अपने लण्ड को उनकी नंगी जाँघों पर दबाने लगा! मेरे लण्ड की चुभन को महसूस कर के आंटी ने मेरी ओर देखा और मुस्करा कर मुझे एक आँख मारी! लड़की को बिना पैंटी के देखा था वाह क्या मजा आया था
मन कर रहा था कब इसे चोद लू मेरा लंड समझने को तैयार नहीं था .इसके बाद आंटी ने मेरे हाथों को अपने नितम्बों तथा जाँघों से अलग करते हुए बैड से उठी और सिर्फ ब्रा ही पहने हुए मेरे एकदम करीब आ कर खड़ी हो गई! फिर उन्होंने मेरे लोअर में हाथ डाल दिया मेरे लण्ड अपने को हाथ में पकड़ कर बोली- हाँ तुम ठीक ही कह रहे थे, यह सच में काफी बड़ा हो गया है और साथ में काफी मोटा भी हो गया है, यह जिसकी भी चूत में घुसेगा उसे पूरी संतुष्टि दे कर ही बाहर निकलेगा! अब बिना चुदाई के रह नहीं सकता था मित्रों मै पागल सा हो गया
ओह ओह ओह है कब लंड को घुसा दू ऐसा लग रहा था मित्रों यह सब बोलते हुए उन्होंने मेरे लोअर को दोनों हाथों से पकड़ कर नीचे की ओर सरका दिया। क्योंकि मैंने अंडरवियर नहीं पहना था इसलिए मेरा तना हुआ लण्ड उनके सामने सलामी देने लगा। मॉल था चुदाई के लायक
मैंने सोचा पेलुँगा जरूर कभी न कभी मेरे कड़क लण्ड को देख कर आंटी तुरंत झुक कर नीचे बैठ गई और उसे पकड़ कर अपने मुँह डाल लिया और चूसनी की तरह चूसने लगी। माल चुदाई के लिए तड़प रही थी मित्रों
चोदने के बाद थोड़ा रिलेक्स हुआ भाइयो क्या गजब मजा जब माल अच्छा हो तो कौन नहीं चोदना चाहेगा है न मित्रों आया पिछले कुछ मिनटों में उनकी बातों और गतिविधि को देख कर मुझे उनसे ऐसी ही प्रतिक्रिया मिलने की ही आशा थी। सेक्स करते समय बहुत मजा आया था मित्रों
मैं उनके द्वारा किये जा रहे मेरे लण्ड के मुख-मैथुन का पूर्ण आनंद लेने लगा और अब मुझे इस बात का विश्वास हो गया था कि आज वह अपनी चूत में मेरा लण्ड डलवा कर अपनी आग को ज़रूर शांत करेंगी!
बाद में आन्टी ने मुझे बताया था कि उनके पति मधुमेह के रोग से ग्रसित थे जिससे उन्हें स्तंभन दोष हो गया था और वह उनकी चुदाई नहीं कर सकते थे।
उसके ओठ रसीले थे मित्रों मॉल गजब था मित्रों कई माह से यौन संसर्ग की भूखी आंटी को आज जब मेरा सात इंच लम्बा एवं ढाई इंच मोटा लण्ड दिख गया तब उनकी चूत में आग तो लगनी ही थी।
कुछ देर तक मेरा लण्ड चूसने के बाद जब वह उठी तब मैंने उन्हें पकड़ लिया और उनके होटों को चूमने लगा तथा धीरे धीरे उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनकी मस्त चूचियों को हाथों से दबाने लगा। उसके लिप्स की चूसै यू ही चलती रही मित्रों
मित्रों वो मदहोस थी चुदाई के लिए तब उन्होंने अपने हाथ पीछे की ओर कर के अपनी ब्रा के हुक खोल दिए और उसे उतार कर दूर कोने में फेंक दिया। अब वे मेरे सामने बिल्कुल नग्न हो गई थी और उन्होंने मेरा सिर पकड़ कर मेरा मुँह अपनी चूचियों पर लगा दिया। उसके बूब्स क्या मस्त थे मित्रों अब मै क्या कहु मित्रों
मेरा मन चुदाई का था मित्रों मैं भी यही चाहता था इसलिए बिना विरोध किया मैंने उनकी चूचियों को दबा कर चूसने लगा जिस से वह भी बहुत गर्म होने लगी थी! उस समय मैं तो चाहता था कि आंटी तुरंत बिस्तर पर लेट जाएँ और जल्दी से मुझसे चुदाई करवा लें! मैंने तय किया की चोद कर ही दम लूंगा
लेकिन पेलुँगा जरूर मुझे थोड़ी जल्दी इसलिए भी थी क्योंकि दोपहर का समय था और उस समय हमारे घर में मम्मी अकेली थी! मुझे डर था कि मम्मी जब मुझे देर तक घर वापिस आया नहीं देखेगी तो वह मेरे बारे में आंटी पूछने के लिए वहाँ भी आ सकती हैं! मै चुदाई के लिए बिल्कुल बेताब था मित्रों
मुझे तो बस चुदाई की धुन सवार थी मित्रों इसलिए मैंने भी तुरंत अपनी टी-शर्ट उतार कर आंटी की ब्रा के ऊपर फेंक दी और नीचे झुक कर बैठ गया! आंटी ने अपनी टाँगें फैला दी ताकि मुझे उनकी चूत के खुले दर्शन हो जायें और मैं आराम से उसको चूस भी सकूँ। मुझे बूर की मादक खुसबू आ रही थी जो मुझे पागल कर रहे थे
दिन रात बस चुदाई ही चुदाई ख्याल मित्रों और कुछ नहीं उनकी चूचियों को चूसने के कारण वह बहुत गर्म हो चुकी थी और उनकी चूत भी गीली हो चुकी थी। जैसे ही मेरी जीभ ने उनकी चूत पर दस्तक देनी शुरू करी उनके मुख से तो आह.. आह.. की सिसकारियाँ निकलने लगी! उसकी आखो में चुदाई का नशा था
मेरा लंड उसकी बूर को चिर कर आगे निकाल रहा था उनकी चूत से निकल रहे पानी का स्वाद सच में काफी अच्छा था और मैं उसे मस्ती के साथ चूसने अथवा चाटने लगा। अगले दो-तीन मिनट तक मैं उनकी चूत और दाने को बहुत तेज़ी से जीभ से रगड़ता रहा! मैंने उसकी बूर का सील तोड़ दिया मित्रों
इस रगड़ का असर हुआ और आंटी ने अपनी टाँगें अकड़ा दी और बहुत ही जोर की सिसकारी लेते हुए अपनी चूत में से रस का फव्वारा छोड़ दिया।
क्योंकि मुझे थोड़ी जल्दी थी इसीलिए मैंने उस रस को चाट लिया और खड़ा होकर आंटी को वहीं घोड़ी बनने को कहा!
फर्स्ट टाइम चुदाई में सील टूटती है तो थोड़ा तो दर्द होगा ही आंटी घोड़ी बनने का मतलब बखूबी जानती थीं इसीलिए उन्होंने कोई देर नहीं लगाई और तुरंत बिस्तर पर झुक कर घोड़ी बन गई ! लंड घुसाने में लग रहा था बस चुत फैट ही जाएगी मित्रों
क्या गजब लग रही थी मित्रों मैंने अपने लण्ड को उनकी चूत के मुँह पर रखा तथा एक धक्का लगाया और उसे उनकी गीली चूत में पूरा का पूरा घुसेड़ दिया! मित्रों मॉल हो तो ऐसा
उनके मुँह से एक मीठी सी आह निकली और उनकी सांसें भी तेज़ी से चलने लगी!
क्या रस भरी चुत थी मित्रों मजा आ गया मैं आगे झुक कर आंटी की दोनों चूचियों के पकड़ कर मसलने लगा और नीचे से धीरे धीरे धक्के लगा कर अपने लण्ड को उनकी चूत के अन्दर बाहर करने लगा। लड़कियों की चुत मरने का मजा ही कुछ और है मित्रों
मुझे बहुत ही मज़े आ रहे थे क्योंकि जब मैं आंटी के घर आया था तब मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे उनकी चुदाई का ऐसा सुनहरा मौका आज ही मिल जाएगा।
क्या रस भरी चुत थी मित्रों मजा आ गया थोड़ी ही देर में जब आंटी ने ऊँचे स्वर में सिसकारियाँ लेनी शुरू कर दी तब मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी और मैंने तेज़ी से धक्के लगाने शुरु कर दिए जिस के कारण देखते ही दखते आंटी की चूत से रस टपकने लगा! उस रस से मेरा लण्ड और टट्टे के गीले होने का एहसास होते ही मुझे बहुत जोश आ गया और मैंने बहुत ही तीव्र तेज गति से आंटी की चुदाई करनी शुरू कर दी। लड़कियों की चुत मरने का मजा ही कुछ और है मित्रों
मेरा लंड तनकर टाइट था मित्रों इस बहुत ही तीव्र गति की चुदाई से आंटी भी बहुत उत्तेजित हो गई और अत्याधिक ऊँचे स्वर में सिसकारियाँ लेने लगी तथा मेरा साथ देते हुए आगे-पीछे भी हिलने लगी। मेरा लंड चुत में घुसने को तैयार था मित्रों
चुची की चुसाई में क्या मजा है मित्रों उनकी इस गतिविधि से हम दोनों को उस चुदाई का बहुत ही आनन्द आने लगा था। तभी आंटी का शरीर अकड़ गया और उनकी चूत बहुत ही जोर से सिकुड़ गई तथा मेरे लण्ड को अन्दर की ओर खींचने लगी। मै उसकी चूची पी रहा था
इस खींचा-तानी में हम दोनों को जो रगड़ लगी उससे दोनों ने जोर से चिल्लाते हुए अपने अपने रस की बौछार कर दी।
मेरा लंड ताबड़तोड़ चुदाई के लिए तैयार इसके बाद ना तो मेरे पास और ना ही आंटी के पास इतनी ताकत बची थी की हम दोनों खड़े रह सके इसलिए हम निढाल होकर एक दूसरे से चिपके हुए बिस्तर पर लेट गए! अब वो समय आ गया जब मुझे उसकी चुदाई करनी थी
मित्रों वो बुल्कुल मादक शराब जैसी लग रहे थी मन कर रहा अभी पी लू पांच मिनट के बाद जब मुझे कुछ सुध आई तो मैंने अपना लण्ड को आंटी की चूत से बाहर निकाला तब उसमें से रस की नदी बह निकली! अब उसे चुदाई का मजा मिल रहा था मित्रों अब उसे चुदाई का मजा मिल रहा था मित्रों
सच मुझे अब पता चला की चुदाई में कितना मजा है मित्रों बैड की चादर चूत से निकल रहे रस से खराब न हो जाए इससे बचने के लिए आंटी तुरंत उठ कर खड़ी हो गई और भाग कर बाथरूम में घुस गई! इस प्रकार हमने मस्त चुत की ताबड़ तोड़ चुदाई की और मजा लिया और आप
वो मुस्कुरा रही थी मित्रों मैं भी उनके पीछे बाथरूम में चला गया और वहाँ हम दोनों ने एक साथ स्नान किया तथा एक दूसरे को अच्छी तरह से साफ़ भी कर दिया। सुनकर आपका लंड खड़ा हो जायेगा मित्रों
मेरा लंड ताबड़तोड़ है और एक अच्छी चुत के तलाश में है जब हम वापिस कमरे में आए तो आंटी बहुत ही खुश लग रही थी और बार बार मुझे चिपक कर मेरे गले लग रही थी और मेरे चुम्बन ले रही थी। उसकी चूची क्या गजब लग रही थी मित्रों
मैंने भी उनके चुम्बन का उत्तर चुम्बनों से दिया और फिर हमने अपने कपड़े पहन लिए!
मित्रों मैंने ऐसी तरह न जाने कितने औरतो और लड़कियों बूर में चोदा पेली किया है कितनो चुत का भोसड़ा तक बना दिया और न जाने कितनो का तो सील तोड़ कर खून निकाल दिया और न जाने कितनी को तो कुवारी में ही माँ बना दिया और मैं चोदा पेली करने के लिए कही भी और किसी भी हद तक जा सकता हुमैंने वहाँ से चलने से पहले आंटी के होंटों को चूमते हुए उनसे चुदाई और संतुष्टि के बारे पूछा तो उन्होंने बहुत ही ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा- साहिल, आज में तुझे प्रमाण-पत्र देती हूँ कि तुम एक उत्कृष्ट श्रेणी के चोदू हो और तुम जिसकी भी चुदाई करोगे वह बहुत ही खुशनसीब होगी क्योंकि उसकी प्यास पूर्ण रूप से बुझेगी और उसे बेहद संतुष्टि मिलेगी! सब एक बार तुमसे चुदने के बाद बार बार तुमसे ही चुदने की याचना करें, मेरी ऐसी शुभकामनाएँ तुम्हारे साथ हैं! और क्या बताऊ मित्रों मैंने बहुत सी कमसीन जवान और मदमस्त लड़कियों की बूर में चुदाई किया है काफी मजा किया मै एक चुदकड़ लड़की हु मित्रों मुझे हमेशा चुदाई भूख रहती मित्रों.
मुझे चुदाई के बारे सोचकर मै मदहोश हो जाती हु इसके बाद आंटी ने मेरे लण्ड को पकड़ कर दबाया और मुझे अगले दिन फिर आने का न्योता दिया तथा घर के बाहर वाले दरवाज़े तक एक चुम्बन दे कर मुझे अलविदा करने भी आई! मेरी चुत हमेशा लैंड की प्यासी रहती है मित्रों साथियो मुझे हमेशा मोटे लड की जरूरत रहती है.